हंगामेदार होगा संसद का मानसून सत्र, सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष,सत्ता पक्ष भी देगा आक्रामक जवाब
नई दिल्ली: संसद का 19 जुलाई से शुरू होने वाला मानसून सत्र काफी हंगामेदार होगा क्योंकि विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है।
नई दिल्ली: संसद का 19 जुलाई से शुरू होने वाला मानसून सत्र काफी हंगामेदार होगा क्योंकि विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। माना जा रहा है कि विपक्ष महंगाई, कोरोना काल में अव्यवस्था, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, किसान आंदोलन, एलएसी पर चीन की घुसपैठ और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सरकार की घेरेबंदी करेगा। तृणमूल कांग्रेस ने भी पश्चिम बंगाल से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है।
दूसरी ओर विपक्ष के हमलों की धार को कुंद करने और विधायी कामकाज निपटाने के लिए सरकार भी तैयारियों में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को पूरी तैयारी के साथ संसद में आने का निर्देश दिया है। भाजपा सांसदों को भी निर्देश दिया गया है कि वे मानसून सत्र के दौरान सदन में अपनी मौजूदगी जरूर दर्ज कराएं। सत्ता और विपक्ष की तैयारियों को देखते हुए तय माना जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार होगा।
टीएमसी के साथ मिलकर घेरेगी कांग्रेस
मानसून सत्र के दौरान इस बार कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी हुई है। तृणमूल कांग्रेस के पहले ही भाजपा के साथ काफी तल्ख रिश्ते रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस को टीएमसी के साथ सरकार को घेरने में काफी मदद मिलेगी। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी हटाए जाने की चर्चाएं हैं। हालांकि अभी तक पार्टी इस बारे में आखिरी फैसला नहीं ले सकी है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद हो रहे संसद के इस सत्र में कोरोना काल की अव्यवस्था का मुद्दा भी जोरदार ढंग से उठने की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर रहे हैं। इसके साथ ही महंगाई और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा भी जोरदार ढंग से उठने की संभावना है।
जोरदार ढंग से उठेगा एलएसी का मुद्दा
पिछले दिनों रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एलएसी का मुद्दा उठाया था। अध्यक्ष की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति न दिए जाने के बाद राहुल की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने बैठक से वॉकआउट कर दिया था। कांग्रेस हमेशा आरोप लगाती रही है पीएलएसई पर मोदी सरकार चीन को आक्रामक के जवाब देने में विफल साबित हुई है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर भी कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।
नए कृषि कानूनों पर भी हो सकता है हंगामा
केंद्र सरकार की ओर से पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। किसान संगठनों ने भी मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे पर विरोध जताने की तैयारी की है। ऐसे में विपक्ष की ओर से भी नए कृषि कानूनों को रद्द करने का मामला उठाया जाएगा। दूसरी ओर केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह किसान संगठनों से बातचीत के लिए तैयार है मगर नए कृषि कानूनों को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा। ऐसे में नए कृषि कानूनों को लेकर भी मानसून सत्र में हंगामा होने की आशंका है
मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ आने का निर्देश
दूसरी ओर सरकार भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है। सरकार का भी मानना है कि संसद के दो-चार दिन में विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ सकते हैं, लेकिन वह विधायी कामकाज को निपटाने की कोशिश में जुटी हुई है। जानकारों का कहना है कि विपक्ष के रवैये को देखते हुए सरकार शुरुआत से ही जवाबी आक्रामक रवैये की रणनीति अपना सकती है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी नए मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने का निर्देश दिया था।
उनका कहना था कि विपक्ष नए मंत्रियों की कड़ी परीक्षा लेगा। ऐसे में सभी मंत्रियों को अपने विभागों से जुड़े मामलों की पूरी तैयारी के साथ सदन आना चाहिए। उन्होंने मंत्रियों के सदन में ज्यादा से ज्यादा समय तक उपस्थित रहने पर भी जोर दिया था। प्रधानमंत्री का कहना था कि कैबिनेट मंत्रियों के साथ राज्य मंत्री जी सभी संभावित सवालों के जवाब की पूरी तैयारी के साथ सदन में आएं।
अधिक से अधिक भाजपा सांसद रहेंगे मौजूद
मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को राज्य मंत्रियों के साथ सामंजस्य बनाकर एक टीम के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया गया है। प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगियों से कहा है कि वे राज्यसभा में होने वाली उच्चस्तरीय बहसों को सुनें और उनसे सीखने की कोशिश करें। भाजपा सांसदों से सदन में बहस के दौरान अधिक से अधिक संख्या में मौजूद रहने को भी कहा गया है ताकि किसी भी मुद्दे पर सत्ता पक्ष विपक्ष के सामने कमजोर न पड़े।
जनसंख्या नियंत्रण बिल पर भी होगी चर्चा
मानसून सत्र के दौरान इस बार जनसंख्या नियंत्रण बिल पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर सरकार देश में एक माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण पर एक ड्राफ्ट पेश किया था। अब इस मुद्दे पर संसद में भी चर्चा होगी। भाजपा सांसद राकेश सिन्हा की ओर से पेश किए गए प्राइवेट मेंबर बिल पर 6 अगस्त को चर्चा निर्धारित की गई है। हालांकि विपक्ष की ओर से अभी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि सरकार की ओर से इस बिल का समर्थन किया जाएगा ताकि इसे आगे चलकर पारित कराने की कोशिश सफल हो सके।