भारत में दुर्लभ चमगादड़ की खोज, जानें क्या है कोरोना फैलने का खतरा

भारत में पहली बार दुर्लभ 'थाली' जैसे पैरों वाला चमगादड़ पाया गया है। यह मेघालय के एक वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में मिला है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-04-20 23:07 IST

नई दिल्ली: भारत में पहली बार दुर्लभ 'थाली' जैसे पैरों वाला चमगादड़ (Disk Footed Bat) पाया गया है। यह मेघालय (Meghalaya) के एक वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में मिला है। जानकारी के मुताबिक, इस चमगादड़ को जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Zoological Survey of India- ZSI) के वैज्ञानिकों ने इसे खोजा है। बता दें कि ऐसे चमगादड़ आमतौर पर वियतनाम में पाए जाते हैं।

इस थाली जैसे पैरों वाले चमगादड़ को ZSI के वैज्ञानिक डॉ. उत्तम सैइकिया और यूरोपियन नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के कुछ साइंटिस्ट्स ने मिलकर मेघालय के नॉन्गखिलेम वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी के लाईलाड इलाके में खोजा है। ये बांस के झुरमुटों के बीच मिले थे। चमगादड़ की इस प्रजाति को यूडिसकोपस डेंटिकुलस (Eudiscopus denticulus) कहा जाता है।

नारंगी रंग और अंगूठों में थाली जैसा आकार है खास पहचान

इन्हें बांस के झुरमुट में रहना अच्छा लगता है, क्योंकि बांस के झाड़ इन्हें शिकारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये चमगादड़ (Bat) अपने नारंगी रंग और अंगूठों में थाली जैसा आकार होने की वजह से जाने जाते हैं। इस चमगादड़ को खोजने की स्टडी रिपोर्ट स्विट्जरलैंड के जर्नल Revue Suisse de Zoologie में भी प्रकाशित हुई है।

चमगादड़ (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. उत्तम और उनकी टीम ने इस चमगादड़ के DNA की जांच की थी, जिसके बाद वो हैरान रह गए। दरअसल, इस चमगादड़ के DNA की जांच वियतनाम में मिलने वाले चमगादड़ से मिलते हैं। ऐसे में वैज्ञानिक इस बात से हैरान रह गए कि मेघालय से वियतनाम की दूरी करीब 3000 किलोमीटर है, तो ये यहां आया कैसे? हालांकि ये वियतनाम में मौजूद Disk Footed Bat की ही प्रजाति का है।

क्या है चमगादड़ की नई प्रजाति?

फिलहाल वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि इतनी दूरी के बावजूद यह चमगादड़ यहां आया कैसे? डॉ. उत्तम के मुताबिक, इस चमगादड़ की अन्य प्रजातियां वियतनाम, दक्षिणी चीन, थाईलैंड और म्यांमार में पाई जाती हैं, लेकिन भारत में इसका मिलना काफी हैरानी वाली बात है। दक्षिण एशियाई की बात की जाए तो म्यांमार या चीन मेघालय के सबसे करीब हैं। वहीं, अगर ये चमगादड़ वहां से नहीं आया है तो ये भारत में इस प्रजाति के चमगादड़ की नई प्रजाति कहलाएगी।

कोरोना फैलने का है कितना खतरा?

वहीं, इस चमगादड़ के कोरोना वायरस से संबंध को लेकर बताया गया कि ऐसे चमगादड़ों की वजह से TGEV यानी ट्रांसमिसिबल गैस्ट्रोएंटेराइटिस वायरस और PEDV यानी पोर्सिन एपिडेमिक डायरिया वायरस हो सकता है। इसके अलावा इनके अंदर कोरोना के ये रूप bat coronavirus 1, BtCoV 512, BtCoV-HKU8, BtCoV-HKU2, human coronavirus HCoV-NL63 and HCoV-229E भी मिल सकते हैं।

हालांकि अब तक थाली जैसे पैरों वाले चमगादड़ों से कोरोना फैलने की कोई खबर सामने नहीं आई है। ऐसे में डरने की कोई जरूरत नहीं है। फिलहाल दुनियाभर में हॉर्स-शू चमगादड़ (Horseshoe Bats) के चलते कोरोना वायरस फैला है।

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