'राम' ने दिया 'हनुमान' को झटका, पारस को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने से और कमजोर हुए चिराग
Modi Cabinet Expansion 2021: चिराग पासवान पीएम मोदी की ओर से पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाए जाने पर पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर लोजपा को कड़ा एतराज है।
Modi Cabinet Expansion 2021: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में पांच सांसदों की बगावत के बाद अलग-थलग पड़ चुके चिराग पासवान (Chirag Paswan) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को भारी झटका दिया। पीएम मोदी को राम और खुद को उनका हनुमान बताने वाले चिराग पहले से ही लोजपा के अलग हुए संसदीय गुट के नेता पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को मंत्री बनाए जाने के खिलाफ थे।
उन्होंने पारस को मंत्री बनाए जाने पर कोर्ट जाने की भी बात कही थी। बुधवार को राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह (Oath Ceremony) में पारस ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ले ली है।
पीएम मोदी के पारस को कैबिनेट मंत्री बनाने के फैसले के बाद चिराग पासवान और कमजोर पड़ गए हैं। लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का गढ़ माने जाने वाले हाजीपुर से ही पारस सांसद चुने गए हैं और अब उन्हें मोदी सरकार (Modi Govt) में कैबिनेट मंत्री के रूप में बड़ा मौका मिला है। पारस को मंत्री बनाए जाने के फैसले से यह भी साफ हो गया है कि उनका गुट एनडीए में बना रहेगा जिससे चिराग पासवान (Chirag Paswan) अब पूरी तरह अकेले पड़ गए हैं।
पारस को मंत्री बनाने पर जताई आपत्ति
मोदी कैबिनेट के विस्तार पर लोजपा के दोनों गुटों की नजर लगी हुई थी। अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार भतीजे चिराग पासवान ने पहले ही पारस को मंत्री बनाए जाने पर कोर्ट जाने की बात कही थी। अब पीएम मोदी की ओर से पारस को मंत्री बनाए जाने पर चिराग ने गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा की लोजपा की ओर से पहले ही पारस को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। ऐसे में अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर पार्टी को कड़ा एतराज है।
कोर्ट की शरण लेने की बात दोहराई
अपने ट्वीट में चिराग ने पारस को पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने वाला इंसान बताया है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है, उसे लोजपा कोटे से मंत्री नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि व्यस्त होने के कारण शायद प्रधानमंत्री को लोजपा के फैसले की जानकारी न हो। उन्हें निर्दलीय सांसद के रूप में तो मंत्री बनाया जा सकता है मगर लोजपा कोटे से नहीं।
उन्होंने अपनी पुरानी घोषणा को दोहराते हुए एक बार फिर कहा कि अगर उन्हें लोजपा सांसद के रूप में मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है तो मैं कोर्ट की शरण लूंगा। पार्टी के नियमों के मुताबिक पारस लोजपा के सदस्य नहीं हैं। चिराग ने यह भी कहा कि मैं दिल से चाहता रहा हूं कि पारस मंत्री बनें क्योंकि अपनी निजी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए ही उन्होंने पार्टी को तोड़कर इतनी बदनामी मोल ली है।
बिहार चुनाव में उल्टा पड़ा चिराग का दांव
चिराग के पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान लोजपा कोटे से मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। पिछले साल अक्टूबर में उनके निधन के बाद हुए बिहार चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने बड़ा सियासी फैसला लेते हुए एनडीए से बाहर जाकर 143 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराजगी के चलते उन्होंने 115 ऐसी सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारे थे जहां से जदयू प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे।
चिराग का यह दांव चुनावी नतीजों में बिल्कुल उल्टा पड़ता दिखा क्योंकि पार्टी सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर चुकी। इस विधायक ने भी बाद में जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। वैसे चिराग ने जदयू प्रत्याशियों को हराने में बड़ी भूमिका निभाई। चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद जदयू ने 36 सीटों पर पार्टी की हार के लिए सीधे तौर पर चिराग पासवान को जिम्मेदार ठहराया था।
चिराग के फैसले से सहमत नहीं थे पार्टी नेता
चिराग पासवान के एनडीएस बाहर होकर चुनाव लड़ने के फैसले से पार्टी के अधिकांश नेता सहमत नहीं थे और पार्टी की दुर्दशा के लिए अधिकांश नेताओं ने चिराग को ही दोषी ठहराया था। उनके खिलाफ भीतर ही भीतर चिंगारी सुलग रही थी जो पांच सांसदों की बगावत के रूप में सामने आई। अब लोकसभा के स्पीकर ने भी पारस गुट को मान्यता प्रदान कर दी है। चाचा और भतीजे की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है और दोनों ओर से लोजपा में प्रभुत्व स्थापित करने की जंग छिड़ गई है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने पारस को कैबिनेट मंत्री बनाकर चिराग को बड़ा झटका दिया है।
चिराग के अगले कदम पर टिकीं नजरें
चिराग पीएम मोदी को राम और खुद को उनका हनुमान बताते रहे हैं। लोजपा में छिड़ी जंग के प्रकरण में भी उन्होंने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि राम इस तरह हनुमान का वध होते नहीं देख सकते।
अब इस मामले में पीएम मोदी ने अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया है। पारस के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान पूरी तरह अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं। अब हर किसी की नजर चिराग के अगले सियासी कदम पर टिकी हुई है।
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