Modi Cabinet 2021: मोदी कैबिनेट में शामिल हुए गोरखपुर, मणिपुर, त्रिपुरा, मध्यप्रदेश और नैनीताल से ये नाम

Modi Cabinet Expansion 2021: मोदी कैबिनेट का आज शाम विस्तार होने जा रहा है, केंद्रीय कैबिनेट में 10 मंत्रियों के प्रमोशन किए गए हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Shweta
Update:2021-07-07 20:06 IST

 ज्योतिरादित्य सिंधिया ( फोटो सोशल मीडिया)

Modi Cabinet Expansion 2021: मोदी कैबिनेट का आज शाम विस्तार होने जा रहा है, केंद्रीय कैबिनेट में 10 मंत्रियों के प्रमोशन किए गए हैं। वहीं 33 नए चेहरों को शामिल करने का फैसला लिया गया है। ये सभी मंत्री आज शाम को शपथ लेंगे। आइए इन नए चेहरों और इनके राज्य के बारे में नजर डालते हैं। जानकारों की मानें तो कैबिनेट का विस्तार अगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया गया है। अगले साल उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में चुनाव होने है। उसी हिसाब से टीम को तैयार किया जा रहा है। आइए जानते हैं इनके बारे में..

 ज्योतिरादित्य सिंधिया

 ज्योतिरादित्य सिंधिया ( फोटो सोशल मीडिया)

मुंबई में जन्मे ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी पिछले साल ही भारतीय जनता पार्टी में सामिल हुए हैं। इसके पहले वह कांग्रेस पार्टी के बड़े चेहरों में शामिल थें। इस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश से राज्य सभा के सदस्य चुने गए हैं। इनका राजनीतिक करियर साल 2001 से शुरू होता है जब उनके पिता माधवराव सिंधिया को हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो गई। कांग्रेस से जुड़ने के बाद साल 2007 में इन्हें केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के तौर पर केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया।

उन्हें 2009 में फिर लगातार तीसरी बार चुना गया और इस बार उन्हें वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया। 10 मार्च 2020 को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को वह अपना स्टीफा देकर कांग्रेस पार्टी छोड़ दिया। इस समय बीजेपी से मिलकर सिंधिया अपने राजनीतिक करियर को एक नए अंजाम पर ले जा रहे हैं।

पंकज चौधरी

पंकज चौधरी ( फोटो सोशल मीडिया)

पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर गोरखपुर से शुरू होता है। वह पहली बार 1989 में नगर निगम गोरखपुर में पार्षद पद के लिए चुने गये। इसके बाद 1990-91 तक के कार्य काल में गोरखपुर नगर निगम में ही उप-महापौर के तौर पर कार्यरत रहे। साल 1991 में ही उन्हें भाजपा कार्यकारिणी सदस्य चुना गया और इसी साल उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा से टिकट भी मिल गया।

अपने क्षेत्र पर पकड़ के कारण वह चुनाव जीते और पहली बार सांसद बने। साल 1996 में वे फिर से चुनाव जीते और अपने पद पर कायम रहें। एक बार मध्यावधि में भी संसद चुने गए और साल 2004 में वे चौथी बार सांसद बने। साल 2009 में पहली बार उनके जीतने का सिलसिला टूटा और हार मिली। साल 2019 में भी वे सांसद बने। शिक्षा की बात करें तो पंकज चौधरी गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। इस बार उन्हें भी यूनियन कैबिनेट में शामिल किया गया है।

राजकुमार रंजन सिंह

राजकुमार रंजन सिंह ( फोटो सोशल मीडिया)

मणिपुर से 2019 में लोकसभा सीट जीतकर राजकुमार रंजन सिंह आज यूनियन कैबिनेट में शामिल होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी से ही राजकुमार रंजन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इन्होंने अपनी पढ़ाई गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से की है। पेशे से यह एक अध्यापक और शोधकर्ता हैं। पर अपने इस लाइन को छोड़ कर वह पॉलिक्टिक्स में आए और इस साल कैबिनेट मंत्री के तौर पर चुने गए हैं।

अजय भट्ट

अजय भट्ट ( फोटो सोशल मीडिया)

अजय भट्ट इस समय नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। इसके साथ ही यह उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। अजय भट्ट की राजनीतिक शुरूआत साल 2019 के से हुआ। इन्होंने आम चुनाव के दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को 3,39,096 वोटों से हराया।

अजय साल 2017 में राज्य चुनाव से पहले उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता थे अजय उत्तराखंड के सबसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में से एक है। साल 2017 में अजय भट्ट उत्तराखंड राज्य चुनावों के दौरान "सबकी एक ही रत..अजय भट्ट..अजय भट्ट" नारे के लिए जाना जाता है।

प्रतिमा भौमिक

प्रतिमा भौमिक ( फोटो सोशल मीडिया)

प्रतिमा भौमिक पश्चिमी त्रिपुरा से सांसद चुनी गई हैं और आज इन्हें यूनियन कैबिनेट में जगह दी जा रही है। साल 1991 से ही प्रतिमा भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हुई हैं। प्रतिमा पहली ऐसी महिला हैं जो त्रिपुरा की परमानेंट रेजिडेंट हैं जिसे कैबिनेट में जगह दी गई है। साल 1998 और 2018 में वह धनपुर चुनाव क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ी।

इन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में त्रिपुरा पश्चिमी लोक सभा सीट से उन्हें शंकर प्रसाद दत्त के खिलाफ जीत मिली। साल 2018 के पहले वह प्रदेश पार्टी जनरल सेक्रेटरी थीं। विज्ञान से स्नातक करने के वाली इस मंत्री को इतने संघर्षों के बाद कैबिनेट में जगह मिल गई।

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