प्राइवेटाइजेशन पर वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान, प्राइवेट होंगी 7 बड़ी सरकारी कंपनियां

भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industries-CII) की सालाना बैठक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-08-13 06:58 IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Photo- Social Media)

नई दिल्ली: देश की मोदी सरकार नई योजनाओं को, नए बदलाव करते हुए अपने विनिवेश क्रार्यक्रम पर तेजी से आगे बढ़ रही है। ऐसे में भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industries-CII) की सालाना बैठक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया। इस बैठक में उन्होंने सरकारी कंपनियों को प्राइवेट किए जाने का ऐलान किया है।

हर स्तर पर देश की 'आर्थिक वृद्धि के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योगपतियों को ये भरोसा दिलाया है कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है।

कई कानूनों में बदलाव 

इस बारे में निर्मला सीतारमण ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड काल में भी मोदी सरकार ने सुधार कार्यक्रमों को जारी रखा है। अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जो ठीक लगा वो किया गया और इसी क्रम में कई कानूनों में बदलाव हुआ।

आगे उन्होंने कहा कि कृषि कानून आए, फैक्टरी, श्रम, मध्यस्थता, दिवाला कानून में संशोधन किए गए। बीती तारीख से लगने वाले टैक्स को खत्म किया गया। उन्होंने सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों और अन्य सरकारी कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन के लिए उठाए गए कदमों पर अपनी बात रखी।

प्राइवेटाइजेशन पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए वह सार्वजनिक लोक उपक्रमों (PSU) के लिए एक नीति भी लेकर आई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम को लेकर प्रतिबद्ध है। वह बजट में घोषित सरकारी कंपनियों के विनिवेश को लेकर आगे बढ़ रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो- सोशल मीडिया)

प्राइवेटाइजेशन को लेकर बिल्डर्स ने दिखाई दिलचस्पी 

आगे निर्मला सीतारमण ने कहा, 'सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम को लेकर दृढ़ है। बीते दिन बुधवार को DIPAM के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे ने CII की बैठक को संबोधित करते प्राइवेट की जाने वाली कंपनियों का खुले तौर पर नाम लिया।

इस पर उन्होंने कहा कि एयर इंडिया का, भारत पेट्रोलियम का, और कॉनकोर का विनिवेश होगा। मैं कहती हूं कि इन सभी का विनिवेश होगा। और जोर लगाएंगे कि इन सबका विनिवेश इसी साल हो।'

DIPAM के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि Air India, Bharat Petroleum (BPCL) का निजीकरण इसी साल हो जाएगा। जबकि Shipping Corporation of India (SCI), Bharat Earth Movers Private Ltd. (BEML), Pawan Hans और Neelachal Ispat Nigam Ltd के प्राइवेटाइजेशन को लेकर बिल्डर्स ने दिलचस्पी दिखाई है।

आगे उन्होंने कहा कि 'सरकार ने इस साल के बजट में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें दो सरकारी बैंक और LIC में हिस्सेदारी बेचना शामिल है। LIC के आईपीओ लेकर सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। ' तो अब देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि लाने के लिए सरकार प्राइवेटाइजेशन पर जोर दे रही है। 

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