जानकार सूत्रों का कहना है कि कोरोना की दूरी दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर सक्रियता काफी बढ़ा दी है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रॉ के चीफ और जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने भी हिस्सा लिया था। इस बैठक के बाद सियासी हलकों में इस बात की अटकलें काफी तेज हो गई हैं कि मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा कदम उठाया जाने वाला है।
पाक मीडिया में बड़े बदलाव की खबरें
पाकिस्तानी मीडिया में भी इन दिनों जम्मू-कश्मीर में किसी बड़े बदलाव की खबरें सुर्खियां बन रही हैं। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि मोदी सरकार की ओर से जम्मू को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है जबकि कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र ही बनाए रखने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से जम्मू-कश्मीर को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने के बाद पाकिस्तान की बेचैनी और बढ़ गई है। माना जा रहा है कि इसी कारण पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है और पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चिट्ठी लिखी गई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने भी हाल में कहा था कि जम्मू कश्मीर में किसी बदलाव का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में एकपक्षीय अवैध कार्रवाई करके अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है।