New Delhi: मंत्री पद से हटने के बाद अब बंगलों से भी होंगे बेदखल, कई वरिष्ठ नेताओं को नोटिस जारी
कैबिनेट मंत्रियों को अब अपना अलीशान सरकारी बंगला भी छोड़ना होगा। शहरी विकास मंत्रालय की ओर से ऐसे मंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका है।
New Delhi: मोदी कैबिनेट में पिछले दिनों हुए फेरबदल के दौरान बाहर किए गए कैबिनेट मंत्रियों को अब अपना अलीशान सरकारी बंगला भी छोड़ना होगा। शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले संपदा निदेशालय की ओर से ऐसे मंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका है। जिन पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को बंगला खाली करने के लिए कहा गया है उनमें रमेश पोखरियाल निशंक, डॉक्टर हर्षवर्धन, सदानंद गौड़ा और प्रकाश जावड़ेकर शामिल हैं।
इन पूर्व मंत्रियों के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम पर आवंटित 12 जनपथ के बंगले को भी खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया है। इस बंगले में रहने वाले चिराग पासवान ने कुछ और वक्त देने की मांग की है मगर उनकी मांग ठुकरा दी गई है। अब उन्हें भी जल्द ही अपना बंगला खाली करना होगा।
इसलिए की जा रही है कवायद
केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले नेताओं को लुटियंस जोन में टाइप आठ का बंगला मिलता है। करीब तीन एकड़ या उससे ज्यादा क्षेत्रफल वाले इन बंगलों में आठ कमरे होते हैं और ये बंगले सारी सुख सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
मंत्री पद से हटने के बाद इन बंगलों को खाली कराने का नियम है क्योंकि फिर इन बंगलों को नए मंत्रियों को आवंटित किया जाता है। मोदी सरकार में हाल में हुए फेरबदल में कई नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है और इन मंत्रियों के पास अभी तक बड़ा सरकारी बंगला नहीं है। इन मंत्रियों को बंगले आवंटित करने के लिए ही सारी कवायद की जा रही है।
निशंक का बंगला ज्योतिरादित्य को आवंटित
पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को कैबिनेट मंत्री के रूप में 27, सफदरजंग रोड का बंगला आवंटित किया गया था मगर अब यह बंगला मोदी कैबिनेट में हाल में शामिल किए गए वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को आवंटित कर दिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का इस बंगले से भावनात्मक लगाव भी है क्योंकि उनके पिता माधवराव सिंधिया काफी दिनों तक इस बंगले में रहे थे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बंगले के प्रति इच्छा जताई थी और अब उनकी यह इच्छा पूरी होने जा रही है। अपने पिता के साथ उन्होंने भी इस बंगले में पूर्व में काफी समय गुजारा है और अब वे एक बार फिर इसी बंगले में रहने वाले हैं। यह बंगला छोड़ने के बाद अब निशंक को टाइप सात का बंगला आवंटित किया जाएगा।
इन नेताओं को भी खाली करना होगा बंगला
वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर के नाम कैबिनेट मंत्री के रूप में छह, कुशक रोड का बंगला आवंटित था मगर अब जावड़ेकर को इस बंगले को खाली करना होगा। पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कर्नाटक का राज्यपाल बनने के बाद अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है।
सदानंद गौड़ा को एक, त्यागराज मार्ग का बंगला आवंटित है मगर अब वह बंगला भी किसी नए मंत्री को आवंटित करने की तैयारी है। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को अपना बंगला खाली नहीं करना होगा क्योंकि वे पहले से ही टाइप सात के बंगले में रह रहे हैं और वे इसके हकदार हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें बंगला छोड़ने का नोटिस नहीं दिया गया है।
चिराग पासवान को भी नोटिस जारी
इन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही लोजपा सांसद चिराग पासवान को भी 12 जनपथ स्थित सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया जा चुका है। चिराग पासवान संपदा निदेशालय से कुछ और समय की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक चिराग ने रामविलास पासवान की पहली बरसी तक यह बंगला अपने पास रखने की बात कही है।
जानकारों के मुताबिक संपदा निदेशालय चिराग पासवान को इतना ज्यादा समय देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में चिराग को जल्द ही यह बंगला खाली करना पड़ सकता है। जनपथ स्थित 12 नंबर का यह आलीशान बंगला चिराग के पिता रामविलास पासवान को विश्वनाथ प्रताप सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में आवंटित हुआ था।
यह बंगला केंद्रीय मंत्री या उसी स्तर के लोगों के लिए ही निर्धारित है और चिराग पासवान मौजूदा समय में महज सांसद हैं। इस कारण वे इस बंगले में रहने की योग्यता नहीं पूरी करते। सांसद के रूप में चिराग को एक और आवास मिला हुआ है, लेकिन वे इसी बंगले में रहते हैं।