कृषि कानून क्यों लिए गए वापस? केंद्र सरकार समझाएगी वजह, दे सकती है चर्चा का प्रस्ताव
Krishi Kanoon: अब केंद्र सरकार कृषि कानूनों को निरस्त करने से पहले सदन में इस पर एक छोटी सी चर्चा का प्रस्ताव दे सकती है। जिसमें कानूनों को वापस लेने की वजह बताई जाएगी।
Krishi Kanoon: बीते साल सितंबर महीने में केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने तीन किसान बिलों (New Farm Laws) को पास किया, जिसके बाद किसानों का विरोध शुरू हो गया। किसान इन कानूनों की वापसी (New Farm Laws Repealed,) की मांग के साथ दिल्ली से लगती अलग अलग सीमाओं पर धरने पर बैठ गए। उधर, सरकार ने भी अपनी जिद नहीं छोड़ी और कानूनों को वापस लेने से इनकार कर दिया। लेकिन करीब एक साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने किसान की जिद और आगामी विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav) को ध्यान में रखते हुए विवादित कृषि कानूनों को वापस लेना ही बेहतर समझा।
हालांकि सरकार के इस एलान से भी किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) खत्म नहीं हुआ है। किसानों का कहना है कि केवल कानूनों को निरस्त करने से काम नहीं चलेगा बल्कि सरकार को एमएसपी पर कानून (MSP Kanoon) भी बनाना होगा, तभी धरना खत्म हो सकेगा। इस बीच अब केंद्र सरकार (Modi Sarkar) कृषि कानूनों को निरस्त करने से पहले सदन में इस पर एक छोटी सी चर्चा का प्रस्ताव दे सकती है। जिसमें कानूनों को वापस लेने की वजह बताई जाएगी। जाहिर है कि पीएम मोदी (PM Modii) ने कृषि कानूनों की वापसी (Krishi Kanoon Ki Wapsi) का एलान करते हुए संसद सत्र में इन कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरा करने की बात कही थी।
केंद्रीय मंत्री बताएंगे क्यों वापस लिया गया कानून
अब 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में दोनों सदनों में कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा। संसद में कानूनों के निरस्त होने के बाद विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। लेकिन कानूनों को निरस्त करने से पहले केंद्र सरकार इस पर चर्चा (Krishi Kanoon Par Charcha) का एक प्रस्ताव रख सकती है। चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) देश को यह बताएंगे कि आखिर केंद्र सरकार ने एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला क्यों किया है।
गुरुपर्व के मौके पर वापस लिए गए कानून
जाहिर है कि पीएम मोदी ने कानूनों की वापसी की घोषणा करते वक्त कहा था कि हमारी सरकार इन कानूनों को नेक इरादे से लाई थी। लेकिन हम इसके फायदे को किसानों को समझाने में नाकाम रहे, ऐसे में हमने बिल को वापस लेने का फैसला किया है। संसद सत्र में इन कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरी कर दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने यह एलान गुरुनानक देव की जयंती (Guru Nanak Jayanti 2021) यानी गुरुपर्व (Gurpurab) के मौके पर किया था।
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