डीओटी ने कहा- 5G और कोरोना वायरस संक्रमण के बीच नहीं है कोई संबंध

विभाग ने कहा है कि कोविड-19 (Covid-19) के प्रसार और 5जी टेक्नोलॉजी (5G Technology) के बीच कोई संबंध नहीं है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-05-11 14:49 GMT

5जी-कोरोना वायरस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर से हालात तो गंभीर बने ही हुए हैं, इस दौरान अफवाहों ने स्थिति और विकट कर दी है। हाल ही में सोशल मीडिया (Social Media) पर कुछ ऐसे पोस्ट किए गए हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का कारण 5जी मोबाइल टावरों (5G Mobile Tower) की टेस्टिंग है। अब, संचार मंत्रालय के तहत आने वाले दूरसंचार विभाग (Telecom Deptt) ने इसे लेकर स्पष्टीकरण दिया है और कहा है कि ऐसे संदेश गलत हैं।

इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति में विभाग ने कहा है कि कोविड-19 (Covid-19) के प्रसार और 5जी टेक्नोलॉजी (5G Technology) के बीच कोई संबंध नहीं है। इसके साथ ही विभाग ने आग्रह किया कि इस बारे में फैलाई जा रही गलत जानकारियों और अफवाहों पर ध्यान न दें। विभाग ने कहा कि इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि 5जी टेक्नोलॉजी का कोरोना महामारी से कोई संबंध है। ऊपर से अभी भारत में 5जी टेस्टिंग शुरू भी नहीं हुई है, ऐसे में ये बातें तथ्यहीन हैं कि भारत में कोरोना संक्रमण 5जी ट्रायल की वजह से फैल रहा है।

मोबाइल टावरों से नॉन-आयोनाइजिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी निकलती हैं, ये बहुत कमजोर होती हैं और मनुष्यों समेत किसी भी जीवित कोशिका को नुकसान नहीं पहुंचा सकती हैं। बता दें कि दूरसंचार विभाग ने रेडियो फ्रीक्वेंसी फील्ड के लिए एक्सपोजर लिमिट के लिए मानक निर्धारित किए हैं, जो इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन प्रोटेक्शन (आईसीएनआईआरपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से तय की गई सुरक्षित सीमा से करीब 10 गुना अधिक कठोर हैं।

मोबाइल टावर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

डब्ल्यूचओ ने कही ये बात

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूचओ) की आधिकारिक वेबसाइट पर इस तरह की अफवाहों को लेकर एक सेक्शन है जिसमें कोरोना को लेकर सोशल मीडिया के दावों के बारे में विस्तार से समझाया गया है। वेबसाइट पर 'FACT: 5G mobile networks DO NOT spread COVID-19' नाम से एक पोस्ट है। इस पोस्ट में साफतौर पर लिखा है कि वायरस रेडियो वेव और मोबाइल नेटवर्क से नहीं फैलते हैं।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोविड-19 उन देशों में भी फैल रहा है जहां पर 5जी की न टेस्टिंग हो रही है और न ही 5जी मोबाइल नेटवर्क है। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की सांस की बूंदों से फैलता है जब वह छींकता है, बात करता है या थूकता है। इसके अलावा यदि किसी सतह पर संक्रमित इंसान की सांस की बूंदें गिरी हैं तो उसे छूने और फिर नाक, मुंह और आंख छूने से कोरोना फैलता है।

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