Supreme Court ने नोएडा CEO रितु माहेश्वरी की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, HC ने जारी किया था गैर जमानती वारंट

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने आईएएस ऋतु माहेश्वरी को कड़ी फटकार लगाई थी।

Written By :  aman
Published By :  Rakesh Mishra
Update: 2022-05-10 07:01 GMT

Noida Ceo Ritu Maheshwari 

Ritu Maheshwari Big Relief SC: नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी (Noida Development Authority) की सीईओ (CEO) और आईएएस अफसर ऋतु माहेश्वरी (IAS Ritu Maheshwari) को सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) से मंगलवार, 10 मई को बड़ी राहत (Big Relief) मिली है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा जारी गैर जमानती वारंट (Non Bailable Warrant) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। बता दें कि, इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने आईएएस ऋतु माहेश्वरी को कड़ी फटकार लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऋतु माहेश्वरी की गिरफ्तारी पर रोक को उनके लिए बड़ी राहत की तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि, जमीन अधिग्रहण (land acquisition) के एक मामले में नोएडा (Noida) की सीईओ ऋतु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari) पर अवमानना (Contempt) की कार्रवाई करते हुए हाई कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। जिसके खिलाफ ऋतु माहेश्वरी सुप्रीम कोर्ट गई थीं। सोमवार को उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने नोएडा सीईओ को कड़ी फटकार लगाई थी।

'आप IAS अधिकारी, आपको नियम पता है'

सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को नोएडा सीईओ ऋतु माहेश्वरी की याचिका स्वीकार कर ली। जिसके बाद, फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई का फैसला किया है। मगर, अभी कोई तारीख तय नहीं की है। बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना (N.V.Ramana) ने कहा था, कि आप आईएएस अधिकारी (IAS Officer) हैं, अतः आपको नियम पता है।

आपको इसका नतीजा झेलना होगा

दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ अवमानना के मामले में पेश नहीं होने पर गैर ज़मानती वारंट (Non Bailable Warrant) जारी किया था। जिसके बाद ऋतु माहेश्वरी ने अंतरिम राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट दरवाजा खटखटाया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि अगर आप हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते तो आपको इसका नतीजा झेलना होगा।

क्या था मामला?

यह मामला जमीन अधिग्रहण का है। नोएडा के सेक्टर 82 (Sector 82) में प्राधिकरण (Authority) ने 1989 और 1990 में अर्जेंसी क्लॉज (urgency clause) के तहत भूमि अधिग्रहण किया था। जिसके खिलाफ जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी। जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2016 में मनोरमा के पक्ष में फैसला सुनाया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अर्जेंसी क्लॉज के तहत प्राधिकरण के द्वारा लिए गए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया। साथ ही प्राधिकरण को आदेश दिया था, कि याचिकाकर्ता (petitioner) को सर्किल रेट (circle rate) से दोगुने दरों में मुआवजा (compensation) दिया जाए। हाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।

हर दिन High Court के आदेशों का उल्लंघन हो रहा

बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, कि 'हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट आ जाते हैं।' सर्वोच्च अदालत ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि हर दिन हाईकोर्ट (High Court) के आदेशों का उल्लंघन होता है। अब तो यह यह दिनचर्या हो गई है। हर रोज एक अधिकारी अदालत आ जाता है। यह क्या है?' 

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