उमर अब्दुल्ला का केंद्र सरकार से सवाल, बताएं तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट जरूर करना चाहिए कि वह एक आतंकी संगठन है या नहीं? और तालिबान का जम्मू-कश्मीर पर क्या असर होगा।
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद अफगान के मौजूदा हालात के बाद आम भारतीयों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि तालिबान, भारत पर कैसे असर डाल सकता है? वहीं, इस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि तालिबान का जम्मू-कश्मीर पर क्या असर होगा? उन्होंने कहा कि यह सवाल केंद्र सरकार से पूछा जाना चाहिए। अलकायदा के खतरे को लेकर मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता हूं। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने से पहले राज्य का दर्जा बहाल करना होगा। हम लोग आर्टिकल 370 को फिर से बहाल कराने के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
तालिबान एक आतंकी संगठन है या नहीं?: उमर अब्दुल्ला
वहीं, तालिबान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट जरूर करना चाहिए कि वह एक आतंकी संगठन है या नहीं? अगर वह एक आतंकी संगठन है तो फिर हमलोग उनसे बात क्यों कर रहे हैं? अगर वह आतंकी संगठन नहीं है तो इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकियों के लिस्ट से बाहर निकलवाया जाए। उन्हें बैंक अकाउंट्स रखने की अनुमति मिलनी चाहिए। वर्तमान में हमलोग UNSC का नेतृत्व कर रहे हैं। इसलिए हमें इसकी पहचान दिलानी चाहिए।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के जम्मू-कश्मीर चुनाव में मिशन 50 वाले सवाल के जवाब में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 2014 में वो मिशन 44 पूरा नहीं कर सके थे। पहले उन्हें 40 पार करने तो दें। वहीं, बीजेपी पर निशाना साधते हुए उमर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता रवींद्र रैना को कोराना काल के दौरान ठीक से काम नहीं कर पाने को लेकर यहां की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
1999 में संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान को आतंकी संगठन घोषित किया
आपको बता दें कि तालिबान को संयुक्त राष्ट्र आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। 1999 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तालिबान पर प्रतिबंध लगाया और उनके फंड्स और दूसरे वित्तीय स्रोतों को सीज कर दिया। हालांकि, तालिबान के साथ अमेरिका और दूसरे देशों की 'शांति वार्ता' में हिस्सा लेने के लिए सुरक्षा परिषद ने 14 तालिबानी नेताओं को यात्रा प्रतिबंधों से छूट दे दी है। यह छूट फिलहाल 22 सितंबर 2021 तक वैध रहेगा।