दिल्ली में तबाही: सामने आए मामलों से कांप उठी सरकार, बैठक में बड़ा ऐलान
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण में हाहाकार मचा दिया है। बीते दिन रविवार को 10774
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण में हाहाकार मचा दिया है। बीते दिन रविवार को 10774 नए मामलों ने हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोरोना से बिगड़ते हालातों के चलते कई अहम फैसले लिए गए हैं। जिसको देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन के बारे में दिल्ली सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन बता दें, रविवार को मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन न लगाने का जिक्र किया था।
लॉकडाउन की स्थिति
राजधानी में बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना की खतरनाक लहर चल रही है। दिल्ली सरकार लॉकडाउन (Lockdown) नहीं लगाना चाहती, लेकिन शनिवार को मजबूरी में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं।
ऐसे में लोगों से अपील की जा रही है कि घर से बाहर तभी निकले जब बहुत जरूरी हो। 'मैं लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हूं। किसी भी सरकार को लॉकडाउन तब लगाना चाहिए जब अस्पतालों की व्यवस्था कोलैप्स कर जाए। आपका सहयोग चाहिए।
आगे कहते हुए अगर दिल्ली में अस्पताल कम पड़ गए तो हो सकता है कि दिल्ली में लॉक डाउन न लगाना पड़ जाए। अगर आप बिना लक्षण वाले हैं और अस्पताल चले गए तो आपने एक बेड को घेर लिया। इसलिए होम आइसोलेशन का प्रोग्राम का फायदा उठाइये और अस्पताल के बेड्स सीरियस मरीज़ों के लिए रखिये।'
सरकार का सख्त आदेश
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल सरकार ने नई पाबंदियों का ऐलान किया था। नई कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार, दिल्ली सरकार ने सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेल, सांस्कृतिक और धार्मिक सभाओं पर रोक लगा दी है।
साथ ही मेट्रो, डीटीसी एवं क्लस्टर बसें 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित करने की इजाजत प्रदान की गई है। यही नहीं, अब शादी समारोह में केवल 50 मेहमान ही शामिल हो सकेंगे। वहीं, दिल्ली में अंतिम संस्कार में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। यही नहीं, 6 अप्रैल से दिल्ली में नाइट कर्फ्यू भी लगा हुआ है।