अब पाक को भी लगने लगाा तालिबान से डर?
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की शुरुआत 1 मई के बाद से हो गई है...
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की शुरुआत 1 मई के बाद से हो गई है। तब से ही तालिबान ने सरकारी सेना के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया था। पिछले कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 18 जुलाई को कहा था कि अमेरिका की वापसी के बाद अगर अफगानिस्तान में हिंसा और अराजकता का माहौल बनता है तो पाकिस्तान देश से लगी सीमा को बंद कर देगा और अब पाकिस्तान ने ताजिकिस्तान के बाद अपनी देश के सीमायें सील कर दी हैं। पाक सरकार को डर है कि तालिबान कभी भी पाकिस्तान में घुस सकता है।तालिबान द्वारा स्पिन बोल्डक बॉर्डर क्रोसिंग पर नियंत्रण करने के बाद पाक और अफगानिस्तान ने सीमाओं पर कंटीले तार लगा दिए है।
पाकिस्तान के मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार
करीब 90 फीसदी पाकिस्तान से लगी अफगानिस्तान की सीमा पर पाक ने घेराबंदी की है। पाकिस्तान के मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा है कि हमारी सेना निगरानी कर रही है ताकि अफगान का संघर्ष हमारी ओर न बढ़ सके। अफगानी एयर स्ट्राइक में 33 तालिबानी की मौत
देश के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि शुक्रवार को दो प्रान्तों में हुए एयर स्ट्राइक में 33 तालिबानी आतंकी ढेर हुए जबकि 17 घायल हुए हैं। वहीं, रूस भी आने 6000 सैनिकों के साथ तैयारी में रूस के अन्य सैन्य स्थलों में से एक तजाकिस्तान के 201वें सैन्य अड्डे पर 6000 से अधिक रूसी सैनिको व इन्फेंट्री फाइटिंग व्हीकल की मेजबानी कर रहा है।
पाकिस्तान की चिंता की वजह
पाकिस्तान की परेशानी का एक बड़ा कारण तहरीक-ए-तालिबान है जिसे पाकिस्तान तालिबान भी कहा जाता है। टीटीपी का मकसद पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपंथी इस्लामी शासन कायम करना है. इस चरमपंथी संगठन की स्थापना दिसंबर 2007 में 13 चरमपंथी गुटों ने मिलकर की थी। पाकिस्तान की चिंता ये है कि अफगानिस्तान तालिबान के मजबूत होने से पाकिस्तान तालिबान का भी हौसला बढ़ेगा। अफगानिस्तान में मौजूद उसके चरमपंथी पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय हो सकते हैं।
पाकिस्तान तालिबान इस्लामिक शासन की बात करता है
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज़ के प्रोफेसर संजय के भारद्वाज कहते हैं कि गुड तालिबान और बैड तालिबान की सोच ने पाकिस्तान का नुकसान किया है। पाकिस्तान तालिबान इस्लामिक शासन की बात करता है जिससे पाकिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार को खतरा है। उसे अस्थिर करने के लिए वो चरमपंथी गतिविधियां बढ़ा सकता है। अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों का संकट पाकिस्तान के लिए आर्थिक तौर पर और सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ा है।
पाकिस्तान अफगानिस्तान के लिए सबसे बेहतर ठिकाना
अफगानिस्तान से सीमा लगने के कारण वहां पनपी अस्थिरता का असर पाकिस्तान पर पड़ता है। भौगोलिक और धार्मिक नज़दीकी के कारण पाकिस्तान अफगानिस्तान के लिए सबसे बेहतर ठिकाना बनता है। ऐसे में पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान में एक ऐसा हल चाहता है जिसमें देश में स्थिरता भी बनी रहे और अफ़ग़ान सरकार में उसकी पहुंच भी बढ़ सके।