कानूनी शिकंजे में बाबा रामदेव, पतंजलि सरसों के तेल में मिलावट की आशंका में फैक्ट्री सीज
बाबा रामदेव इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के साथ सरकारों के निशाने पर आ गए हैं।
अलवर। एलोपैथी पर टिप्पणी करने के बाद बाबा रामदेव इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के साथ सरकारों के निशाने पर आ गए हैं। आईएमए ने जहां बाबा रामदेव पर 1000 करोड़ रुपए के मानहानी का केस किया है, वहीं राजस्थान सरकार की तरफ से उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पतंजलि के सरसों के तेल में मिलावट की आशंका के चलते राजस्थान सरकार ने अलवर के खैरथल स्थित फैक्ट्री को सीज कर दिया है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, साथ ही इस पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। फैक्ट्री के अंदर पतंजलि के बड़ी संख्या में पैकिंग की सामग्री बरामद की गई है।
बता दें कि अलवर प्रशासन ने पतंजलि के नाम पर मिलावटी सरसों तेल सप्लाई करने के आरोप में खैरथल के इस्माइलपुर रोड पर औधोगिक क्षेत्र में स्थित सिंघानिया आयल मिल पर छापा मारकर उसे सील कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद एसडीएम अलवर योगेश डागुर के नेतृत्व में जांच टीम फैक्ट्री पहुंची। हालांकि अभी मामले की जांच की जा रही है। वहीं प्रबंधन की तरफ से कहा जा रहा है कि फैक्ट्री में बाबा रामदेव की पतंजलि का पैकिंग किये जाने की अनुमति है। इसके साथ ही यहां से एक और ब्रांड श्री श्री ऑयल ब्रांड के रैपर भी बरामद हुए हैं।
खाद्य और आयुर्वेद निरीक्षकों की टीम ने फैक्ट्री में मौजूद सरसों के तेल कच्ची घानी और स्पेलर से निकाले गए तेल के स्टॉक तथा कच्चे सामानों के सैंपल ले लिए हैं। जांच रिपोट्र आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले रामदेव की कंपनी पतंजलि के सरसों के तेल पर खाद्य तेल उद्योग संगठन (एसईए) की तरफ से भी आपत्ति जताई गई थी। संगठन ने कंपनी के उस विज्ञापन का विरोध किया था जिसमें यह दावा किया गया है कि सरसों तेल के अन्य ब्रांड के कच्ची घानी तेल में मिलावट है। फिलहाल सरसों के मिलावटी तेल पर पतंजलि का ठप्पा लगाकर बेचने के शिकायत पर जिलाधिकारी नन्नू मल पहाड़िया ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री को सील कर दिया है। साथ ही जांच के लिए अलवर के उप खण्ड अधिकारी योगेश डागुर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया।