पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून लिया वापस, राकेश टिकैत बोले अभी आंदोलन नहीं होगा खत्म

Teeno Krishi Kanoon Wapas: पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेते हुए कहा कि मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह बताना चाहता हूं कि मैं तीनों कृषि कानूनों को कुछ किसान भाइयों को समझाने में नाकाम रहा।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Published By :  Monika
Update: 2021-11-19 06:13 GMT

पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून लिया वापस (फोटो : सोशल मीडिया )

Teeno Krishi Kanoon Wapas: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज गुरु नानक जी की जयंती (Guru Nanak Jayanti) पर एक बड़ा फैसला करते हुए तीनों कृषि कानून को वापस (teeno krishi kanoon wapas) लेने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह बताना चाहता हूं कि मैं तीनों कृषि कानूनों को कुछ किसान भाइयों को समझाने में नाकाम रहा। अब सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री आगामी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को देखते हुए यह फैसला वापस लिए हैं या वह इस कानून में खामी को स्वीकार कर लिया है जो पिछले एक सालों से किसान बताते आ रहे हैं। पीएम के फैसले के बाद अब विपक्ष जहां उन पर तंज कसने भी शुरू कर दिए हैं तो वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि वह भी अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे (andolan khatam nahi karenge ) । जब तक संसद में प्रधानमंत्री इसे वापस नहीं लेते उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अभी एमएसपी के साथ ही तमाम अन्य मुद्दे हैं उस पर भी बात करनी पड़ेगी।

राकेश टिकैत का ट्वीट (Rakesh Tikait ka tweet) 

आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा । सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।

कांग्रेस का पीएम मोदी पर तंज (Congress ka PM Modi par tanj) 

पीएम मोदी के ऐलान के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया 'टूट गया अभिमान, जीत गया किसान' कांग्रेस पार्टी इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगी।

राहुल गांधी का बयान 

देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।

अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!

दिल्ली के सीएम केजरीवाल क्या बोले? (CM Arvind Kejriwal ka bayan) 

आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली। तीनों क़ानून रद्द  । 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन।

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