PM मोदी करेंगे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता, अफगानिस्तान समेत इन मुद्दों पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को डिजिटल माध्यम से पांच देशों के समूह ब्रिक्स के सालाना शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इस सम्मेलन में ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल होंगे।
दुनियाभर में काफी उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है, ऐसे में किसी बड़े स्तर पर भारत अगर किसी सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा, तो जाहिर तौर पर वह अपनी बात दुनिया के बड़े और ताकतवर देशों के सामने रख पाएगा। इसी कड़ी को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को डिजिटल माध्यम से पांच देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) के सालाना शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में दी।
भारत वर्ष 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है। इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा उपस्थित रहेंगे। इस बैठक में अफगानिस्तान की ताजा स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश शामिल हैं, जो वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले 2016 में उन्होंने गोवा में सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस साल ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ है। इस बार शिखर सम्मेलन का विषय है: 'ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति की खातिर अंतर-ब्रिक्स सहयोग।
पीएमओ के मुताबिक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स विमेन्स बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी इस मौके पर शिखर सम्मेलन में उपस्थित राजाध्यक्षों के सामने अपने-अपने दायित्वों के तहत साल भर में किये काम काम का ब्योरा प्रस्तुत करेंगे।
पीएमओ ने बताया कि अपनी अध्यक्षता में भारत ने चार प्राथमिक क्षेत्रों का खाका तैयार किया है। इन चार क्षेत्रों में बहुस्तरीय प्रणाली, आंतक विरोध, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये डिजिटल और प्रौद्योगिकीय उपायों को अपनाना तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ाना शामिल है।
इन क्षेत्रों के अलावा, उपस्थित राजाध्यक्ष कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभाव तथा मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस वर्ष भारत उस समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है।
क्या है BRICS समूह?
BRICS पांच देशों, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका, का संगठन है, जिसका मकसद इन देशों में आर्थिक और अन्य तरह का सहयोग बढ़ाना है। इसका गठन 2006 में किया गया था और इसका मुख्यालय शंघाई में है। पहले केवल ब्राजील, रूस, भारत और चीन इसमें शामिल थे और दक्षिण अफ्रीका को 2010 में इसमें शामिल किया गया। भारत, रूस और चीन जैसे देशों की मौजूदगी के कारण ये दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संगठनों में से एक है।आंकड़ों से समझें कितना महत्वपूर्ण है BRICS समूह
आंकड़ों से समझें कितना महत्वपूर्ण है BRICS समूह
BRICS कितना महत्वपूर्ण समूह है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी (47 प्रतिशत) इन देशों में रहती है और इसकी संयुक्त GDP 16.6 ट्रिलियन डॉलर है, जो वैश्विक GDP की 24 प्रतिशत है।
इसका अलावा वैश्विक व्यापार में भी BRICS देशों की 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है, वहीं वैश्विक आर्थिक विकास में भी इनकी 50 प्रतिशत भागेदारी है। समूह की कुल GDP में सबसे अधिक 68 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की है।