Congress: कांग्रेस में पीके की क्या होगी भूमिका, कमेटी ने सोनिया को सौंपी रिपोर्ट
Congress: प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री को लेकर सियासी हलचलें दिख रही हैं।
Congress News: विभिन्न प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 की सियासी जंग से पहले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की कांग्रेस में एंट्री को लेकर इन दिनों पार्टी में काफी तेज सियासी हलचलें दिख रही हैं। इस संबंध में पार्टी हाईकमान की ओर से बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पीके को पार्टी में पदाधिकारी बनाए जाने का सुझाव दिया है जबकि पीके खुद सीधे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट करने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। यह भूमिका पहले पार्टी के कद्दावर नेता रह चुके अहमद पटेल निभाया करते थे। ऐसे में हर किसी की नजर अब पार्टी हाईकमान के फैसले पर टिकी हुई है कि पीके को पार्टी का के महासचिव का दायित्व सौंपा जाता है या फिर वे अहमद पटेल वाली भूमिका में दिखेंगे।
आखिरी बातचीत से पहले रिपोर्ट काफी अहम
हाल के दिनों में प्रशांत किशोर की कांग्रेस नेतृत्व के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इन मुलाकातों के दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए अपना रोडमैप कांग्रेस हाईकमान के सामने रखा है। पीके की भूमिका तय करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की ओर से हाल में वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, मुकुल वासनिक और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया था।
इस कमेटी ने पीके की कांग्रेस में एंट्री और उनकी सिफारिशों पर अपनी रिपोर्ट कांग्रेस नेतृत्व को सौंप दी है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में पीके की कांग्रेस नेतृत्व के साथ अंतिम दौर की बातचीत होगी। इस बातचीत से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट को काफी अहम माना जा रहा है।
पीके को पदाधिकारी बनाने का सुझाव
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पार्टी नेताओं की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में पीके की ओर से दिए गए सुझावों पर बिंदुवार टिप्पणियां की गई हैं। रिपोर्ट में पीके को पार्टी में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया गया है। पीके की ओर से पार्टी के ढांचे और रणनीति में बदलाव के लिए विस्तृत कार्ययोजना पेश की गई है और रिपोर्ट में इस कार्ययोजना के संबंध में हर बिंदु पर टिप्पणी की गई है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कमेटी की ओर से पीके को पार्टी पदाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपने की वकालत की गई है।
नया पद सृजित करने के पक्ष में हैं कमलनाथ
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं एके एंटनी और दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए पीके की ओर से दिए गए सुझावों का स्वागत किया है। उनका यह भी मानना है कि पीके के सुझावों पर अमल करके पार्टी को सियासी रूप से मजबूत बनाया जा सकता है। हालांकि पार्टी के कुछ नेता पीके को लेकर सतर्क रवैया अपनाने के पक्षधर भी हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पीके के लिए महासचिव (रणनीति) का नया पद सृजित करने की बात कही है।
सीधे सोनिया को रिपोर्ट करने के इच्छुक
हालांकि पार्टी नेताओं की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में पीके को पार्टी का पदाधिकारी बनाए जाने की बात कही गई है मगर खुद पीके इसके पक्ष में नहीं हैं। पार्टी नेतृत्व के साथ मुलाकात के दौरान भी पीके की ओर से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि वे पार्टी प्रोटोकॉल में नहीं बंधना चाहते। वे सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट करने के इच्छुक बताए जा रहे हैं।
गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कई नेताओं को पीके का यह प्रस्ताव मानने में दिक्कत हो रही है क्योंकि अभी तक यही लोग गांधी परिवार के आंख और कान की भूमिका निभाते रहे हैं। ऐसे में इन नेताओं को अपने वजूद को संकट पैदा होता दिख रहा है। पार्टी नेतृत्व को सौंपे गए एक प्रस्ताव में पीके को सोनिया गांधी के सलाहकार की भूमिका सौंपने का समर्थन किया गया है। पूर्व में यह भूमिका गुजरात के सांसद अहमद पटेल निभाया करते थे मगर उनके निधन के बाद यह पद रिक्त पड़ा है।
अब कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर निगाहें
प्रशांत किशोर को लेकर कांग्रेस नेतृत्व कोई भी फैसला हड़बड़ी में लेने के मूड में नहीं है। सोनिया गांधी के साथ ही राहुल और प्रियंका भी पीके को कांग्रेस में शामिल करने के पक्ष में हैं। हालांकि उनका यह भी मानना है कि सभी कांग्रेस नेताओं की से सलाह मशविरा करने के बाद ही यह कदम उठाया जाए। यही कारण है कि दस जनपथ पर पीके के साथ हुई बैठक के दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
इन नेताओं को इसलिए आमंत्रित किया गया था ताकि पीके की रणनीति को लेकर उठने वाले सवालों का जवाब दे सकें। जानकारों के मुताबिक राहुल और प्रियंका का मानना है कि जब कांग्रेस की हर रणनीति विफल साबित होती दिख रही है तो हमें नए रास्ते पर चलने के सुझाव पर अमल करना चाहिए। अब हर किसी को पीके की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ होने वाली अगली बैठक का इंतजार है और माना जा रहा है कि इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।