Jammu and Kashmir: कारगिल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, 26 को कर सकते हैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का दौरा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और लद्दाख का दौरा कर सकते हैं।
नई दिल्ली: कारगिल दिवस (Kargil Diwas) को लेकर पूरे देश में तैयारियां जारों पर हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और लद्दाख का दौरा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि वह तीन दिवसीय दौरे पर जाएंगे। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति का यह तीन दिवसीय दौरा 25 जुलाई से शुरू होगा। सुनने में यह भी आ रहा है कि राष्ट्रपति अपने इस दौरे के दौरान कारगिल वॉर मेमोरियल जा सकते हैं।
भारत पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ कारगिल में 26 जुलाई 1999 को मिली जीत की 22 वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इसे ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) नाम दिया गया था। भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को जम्मू कश्मीर के कारगिल में करारी शिकस्त दी थी। भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध करीब 3 महीने तक चला था। यह युद्ध तब शुरू हुआ था जब पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी।
एनसीसी ने 30 हजार कार्ड तैयार किए
कारगिल दिवस को लेकर गुजरात से नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों ने सशस्त्र बलों के शौर्य, पराक्रम और बलिदान को रेखांकित करते हुए 30 हजार कार्ड तैयार किए हैं। जिन्हें आगामी 26 जून को कारगिल युद्ध के 22 साल पूरा होने और युद्ध की याद में मनाये जाने वाले कारगिल विजय दिवस से पहले शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए पोस्ट किया गया।
दौरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
राष्ट्रपति के घाटी में कुछ समारोहों को भी संबोधित करने की संभावना है, जिसमें एक शैक्षणिक संस्थान का दीक्षांत समारोह भी शामिल है। राष्ट्रपति के दौरे का विस्तृत कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है, लेकिन राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के जम्मू-कश्मीर दौरे के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरक्षा विंग एसडी सिंह जामवाल ने एक आदेश जारी किया है। सभी अधीनस्थ कर्मचारियों को छुट्टी लेने से रोक दिया है।
सैनिकों की वीरता और गौरव की मिसाल है कारगिल
1947 में भारत आजाद तो हो गया था लेकिन यह आजादी भारत को पाकिस्तान से अलग होने की कीमत पर मिली थी। पाकिस्तान तो हिन्दुस्तान से अलग हो गया लेकिन पाकिस्तान की मांग 'कश्मीर' भारत का ताज बना रहा। कई सालों तक पाकिस्तान ने कश्मीर को हड़पने की कोशिश की, लेकिन साल 1999 में उसे ऐसी मार खानी पड़ी कि उसने दुबारा कभी भारत की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा। कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है जो भारतीय सैनिकों की वीरता के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।