Priyanka Gandhi News: प्रियंका हमलावर- पहले भगवान राम के नाम पर घोटाला, अब दलितों की जमीन हड़प रहे

Priyanka Gandhi News: उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में कुछ राजनीतिक चेहरों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जमीन की कथित खरीद का मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है।

Newstrack :  Network
Published By :  aman
Update: 2021-12-23 07:06 GMT

Priyanka Gandhi News: उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में कुछ राजनीतिक चेहरों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जमीन की कथित खरीद का मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है। कांग्रेस पार्टी (Congress party) का दावा है, कि अयोध्या में बन रहे मंदिर के चंदे में कथित तौर पर लूट हुई है। जिसका खुलासा किया जाएगा। इसी मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर रही हैं। 

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर जमीन खरीद का घोटाला हुआ है। इससे पहले प्रियंका गांधी ने कहा, कि भगवान राम के नाम पर घोटाला हुआ है। प्रियंका गांधी ने जिला स्तर के अधिकारी को जांच दिए जाने पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, कि इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया, कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया था। अब दलितों की जमीन हड़पी जा रही है।

ऐसे हुआ जमीन की खरीद-फरोख्त का खेल 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया है, कि गोसाईगंज से विधायक रहे इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 30 लाख रुपए में 2,593 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। खब्बू तिवारी के बहनोई राजेश मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर बरहेटा गांव में 6,320 वर्ग मीटर जमीन 47.40 लाख रुपए में खरीदी। वहीं, अयोध्या के एक अन्य विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दिसंबर 2020 में सरयू नदी के पार गोंडा के महेशपुर में चार करोड़ रुपए में 14,860 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। फिर, उनके भतीजे तरुण मित्तल ने नवंबर 2019 में बरहटा माझा में 5,174 वर्ग मीटर जमीन 1.15 करोड़ रुपए में खरीदी। अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बलराम मौर्या ने अयोध्या मंदिर निर्माण स्थल से 5 किलोमीटर दूर गोंडा के महेशपुर गांव में 50 लाख रुपए में 9,375 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।  

अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के परिवार का भी नाम  

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे बताया गया, कि अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के ससुर केपी अग्रवाल ने दिसंबर 2020 में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपए में 2,530 वर्ग मीटर जमीन बरेटा माझा गांव में खरीदी थी। वहीं, केपी अग्रवाल के बहनोई आनंद वर्धन ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से ही 15.50 लाख रुपए में 1,260 वर्ग मीटर जमीन ली। अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने तो अयोध्या विवाद पर फैसला आने से दो महीने पहले ही यानी सितंबर 2019 में 30 लाख रुपए में 1,480 वर्ग मीटर जमीन खरीद ली थी। दूसरी तरफ, जुलाई 2018 में ऋषिकेश उपाध्याय ने अयोध्या के काजीपुर चितवन में दान के रूप में 2,530 वर्ग मीटर जमीन हासिल की। जिसकी कीमत एक करोड़ से अधिक बताई जा रही है। 

इन अधिकारियों के भी नाम 

इनके अलावा, अयोध्या में तैनात रहे एडिशनल एसपी अरविंद चौरसिया के ससुर संतोष चौरसिया ने जून 2021 में रामपुर हलवारा गांव में चार लाख रुपए में 126.48 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। डीआईजी रहे दीपक कुमार के ससुराल पक्ष ने भी 1,020 वर्ग मीटर जमीन महर्षि रामायण ट्रस्ट सहित 19 लाख ₹75,000 में खरीदी। हालांकि, दीपक कुमार जमीन सौदे के वक्त अयोध्या में तैनात नहीं थे। इस संबंध में डीआईजी रेंज अलीगढ़ दीपक कुमार का कहना है, कि उनका इस जमीन की खरीद-फरोख्त से कोई लेना देना नहीं है। और ना ही उनकी जानकारी में रहा है। ना ही उनकी तैनाती के वक्त इसका कोई सौदा हुआ है।

प्रधानमंत्री दें जवाब

कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि बीजेपी के कई नेताओं और उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ अधिकारियों ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीनों को औने-पौने दाम पर खरीदा। जमीन की यह लूट वर्ष 2019 में सर्वोच्च अदालत के फैसले आने के बाद हुई है। इसी मुद्दे पर पार्टी महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंदे और जमीन की लूट का जवाब देना चाहिए। साथ ही पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

सरकार ने दिए जांच के आदेश

बता दें, कि इस मामले के सामने आने के बाद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले पर लखनऊ में अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया, कि 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गंभीरता से जांच करने को कहा है।' अयोध्या में जमीन खरीद मामले में सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। विशेष सचिव राधेश्याम मिश्रा मामले की जांच करेंगे। जैसा कि आपको पता ही है अयोध्या में कुछ नेताओं, अफसरों और उनके रिश्तेदारों पर जमीन खरीदने के आरोप लगे हैं। सरकार ने पांच दिन में जांच की रिपोर्ट मांगी है। 

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