Property Rates In Darjeeling: प्रॉपर्टी की महंगाई में कोलकाता से आगे निकला दार्जीलिंग

Property Rates In Darjeeling: दार्जीलिंग के प्रॉपर्टी रेट अब कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई के बराबर हो चले हैं। आलम ये है कि दार्जिलिंग में कमर्शियल स्थान की दरें चुनिंदा स्थानों पर 50,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से भी ज्यादा हो गईं हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-01-03 22:53 IST

 दार्जीलिंग में प्रॉपर्टी की महंगाई: Photo - Social Media

New Delhi: प्रॉपर्टी पहाड़ों की रानी दार्जीलिंग (Queen of Hills Darjeeling) दिन ब दिन महंगी होती जा रही है। रहना, खाना, सब कुछ कुछ बहुत तेजी से महँगा होता जा रहा है। दार्जीलिंग के प्रॉपर्टी रेट (Property Rates of Darjeeling) अब कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई के बराबर हो चले हैं। आलम ये है कि दार्जिलिंग में कमर्शियल स्थान की दरें चुनिंदा स्थानों पर 50,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से भी ज्यादा हो गईं हैं।

कोलकाता (Kolkata) तक में कुछ अच्छे स्थानों पर कीमत लगभग 50,000 रुपये प्रति वर्ग फुट है। दार्जिलिंग में एक बिल्डर के अनुसार, यहाँ पर दुकानें 50,000 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से बिक रही हैं। जो जगहें बहुत प्रमुख और आकर्षक नहीं हैं वहां पर भी दुकानों की कीमत 20,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति वर्ग फुट के बीच है।

सड़क के सामने वाले स्थानों के लिए 35,000 रुपये प्रति वर्ग फुट

रियल एस्टेट डेवलपर्स (real estate developers) के अनुसार, दार्जीलिंग शहर में सड़क के सामने वाले स्थानों के लिए 35,000 रुपये प्रति वर्ग फुट का दाम मिल जाता है और डेवलपमेंट के बाद यही जगह आसानी से 40,000 वर्ग फुट में बेच दी जाती है। कोरोना काल में कीमतों में फर्क तो पड़ा है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।

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कम कीमत में अच्छी दूकान मिलना बेहद मुश्किल

उत्तर बंगाल में कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के अध्यक्ष नरेश अग्रवाल के अनुसार, दार्जीलिंग के पास स्थित एक प्रमुख और महतवपूर्ण शहर सिलीगुड़ी में प्रमुख व्यापारिक केंद्र सिवोक रोड क्षेत्र में कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमत 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति वर्ग फुट के बीच है। सिलीगुड़ी में इस्कॉन मंदिर क्षेत्र जैसे अन्य स्थानों पर 15,000 रुपये प्रति वर्ग फुट मिलता है। इसके विपरीत दार्जिलिंग में, 20,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से कम में अच्छी दूकान मिलना बेहद मुश्किल है।

क्या है वजह

दार्जिलिंग के व्यवसायियों का कहना है कि शहर के विस्तार की गुंजाईश अब बहुत कम बची है इसीलिए यहाँ प्रॉपर्टी महंगी होती जा रही है। प्रॉपर्टी महंगी होने का असर अन्य चीजों के दामों पर पड़ता है क्योंकि महंगी दूकान खरीदने वाले अपने निवेश को निकालने के लिए कीमत बढ़ा देते हैं। अब तो दार्जीलिंग शहर में कोई जमीन उपलब्ध ही नहीं है और दार्जिलिंग में विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है। दूसरी और मैदानी शहर सिलीगुड़ी में विस्तार के बहुत गुंजाईश है लेकिन वहां प्रॉपर्टी में निवेश उस हिसाब से नहीं हो रहा है।

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जंगल और चाय बगान

दरअसल, पहाड़ियों में, अधिकांश भूमि चाय बागानों या वन विभाग के पास है। इसीलिए शहरी डेवलपमेंट एक लेवल के बाद नहीं हो सकता है। पहाड़ियों में निर्माण की कीमतें भी अधिक हैं। लगभग सब कंस्ट्रक्शन मटेरियल सिलीगुड़ी से जाता है। पहाड़ियों में छोटे वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ता है और इससे निर्माण की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।

बिल्डर्स का कहना है कि सिलीगुड़ी में 1,500 रुपये से 1,800 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से विकसित की जा सकने वाली प्रॉपर्टी पर दार्जिलिंग में कम से कम 2,500 रुपये खर्च होते हैं। इसी वजह से दार्जीलिंग की कई जगहों पर फ्लैटों की दरें 6,300 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई हैं वहीं सिलीगुड़ी में फ्लैट्स की अधिकतम लागत में 6000 रुपये प्रति वर्ग फुट है। आम तौर पर दार्जिलिंग में फ्लैट्स की कीमत 3,500 रुपये से 4,500 रुपये के बीच है, जो सिलीगुड़ी की औसत कीमत से कहीं अधिक है।

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