Punjab Assembly Elections 2022: पंजाब में सिद्धू ने उठाया सीएम चेहरे का मुद्दा, बोले-बिन दूल्हा कैसी बारात,पार्टी नेतृत्व की मुसीबत बढ़ी
Punjab Assembly Elections 2022: पंजाब कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि कांग्रेस (Congress Party) की ओर से अभी तक किसी भी नेता को सीएम पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया है।
New Delhi: पंजाब के विधानसभा चुनाव (Punjab assembly elections) में कांग्रेस (Congress Party) की ओर से अभी तक किसी भी नेता को सीएम पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया है। पार्टी नेतृत्व गुटबाजी और मतभेदों से बचने के लिए सीएम पद का चेहरा घोषित करने का इच्छुक नहीं है मगर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Party state president Navjot Singh Sidhu) ने इस फैसले पर सवाल उठाकर पार्टी नेतृत्व की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष हमला बोलते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले सीएम पद का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने पार्टी पर तंज कसते हुए यहां तक कह डाला कि बिना दूल्हे के कैसी बारात होगी।
सिद्धू ने अपनी पार्टी को 2017 में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की ओर से लिए गए फैसले की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि आप की ओर से 2017 में सीएम पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया था और इस कारण आप को काफी सियासी नुकसान उठाना पड़ा। अगर कांग्रेस की ओर से सीएम पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया तो इस बार कांग्रेस की स्थिति भी आप जैसी ही हो सकती है। सिद्धू की ओर से उठाई गई यह मांग पार्टी नेतृत्व का सिरदर्द बढ़ाने वाली है। माना जा रहा है कि इस मांग के जरिए सिद्धू खुद को सीएम पद का चेहरा घोषित कराने का दबाव भी बना रहे हैं।
लोगों के सवाल का क्या देंगे जवाब
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान सिद्धू ने कहा कि पंजाब के लोग यह जानना चाहते हैं कि कांग्रेस की ओर से आखिरकार नेतृत्व कौन करेगा। लोग यह जानने के इच्छुक हैं कि पंजाब किस नेता के विजन के हिसाब से आगे बढ़ेगा। चुनावी सभाओं में जब लोग हमसे सवाल करेंगे कि आखिरकार आप का दूल्हा कौन होगा तो हम लोगों के सवालों का जवाब नहीं दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी चुनाव में दो ही चीजें महत्वपूर्ण होती हैं या तो आपके पास दूल्हा होना चाहिए या फिर चुनाव लड़ने का मजबूत मुद्दा। सिद्धू ने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाते हुए मांग की कि नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी को अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए।
हमारे पास नहीं होगा विपक्ष का जवाब
सिद्धू ने कहा कि 2017 के चुनाव में मैंने आप नेताओं के सामने सवाल खड़ा किया था कि आखिरकार आप का दूल्हा कौन है। अब यही सवाल विपक्षी दलों की ओर से हमसे पूछा जाएगा और हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान (Congress high command) को यह तय करना होगा कि वह मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे या सीएम पद के चेहरे के साथ। सिद्धू की ओर से सीएम पद का चेहरा घोषित करने की मांग ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी हैं। सिद्धू की मांग से यह भी स्पष्ट हो गया है कि पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।
सिद्धू इसलिए बना रहे नेतृत्व पर दबाव
पंजाब के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तय करना भी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है। सिद्धू अपने हिसाब से प्रत्याशियों के नाम तय करना चाहते हैं मगर पार्टी का दूसरा गुट इसके खिलाफ बताया जा रहा है। सिद्धू की ओर से सीएम पद का चेहरा (CM post face) घोषित किए जाने की मांग भी सोची समझी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। पंजाब में अभी तक किसी भी पार्टी की ओर से सीएम पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया है मगर सिद्धू ने यह मांग करके पार्टी में एक नया विवाद पैदा कर दिया है।
सिद्धू को इस बात का डर सता रहा है कि यदि कांग्रेस जीतने में कामयाब हुई तो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की दावेदारी मजबूत हो जाएगी। इसी कारण उन्होंने सीएम चेहरे को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के इस्तीफे के बाद भी सिद्धू की नजर मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर लगी हुई थी मगर उस समय वे अपना सपना पूरा नहीं कर सके। विधानसभा चुनाव के बाद वे अपना सपना पूरा करना चाहते हैं और यही कारण है कि उन्होंने नेतृत्व पर दबाव बनाने की राजनीति शुरू कर दी है।