राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का चेताया, कहा- आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने में कोई संकोच नहीं

कश्मीर मुद्दे का लेकर पाकिस्तान की चिंता के बीच राजनाथ सिंह ने एक बार फिर पड़ोसी मुल्क को चेताया है।

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Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-08-29 10:27 GMT

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कश्मीर मुद्दे का लेकर पाकिस्तान की चिंता के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर पड़ोसी मुल्क को चेताया है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि आज दोनों देशों के बीच संघर्षविराम सिर्फ हमारी ताकत के बदौलत संभव हो सका है। उन्होंने वर्ष 2016 का जिक्र करते हुए कहा कि सीमा पार से किए गए हमलों के चलते हमें अपनी मानसिकता को बदलना पड़ा। वर्ष 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक से हमें और मजबूती मिली। उक्त विचार केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज में व्यक्त किया। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अफगानिस्तान तालिबान के आतंक से जूझ रहा है। पूरी दुनिया की निगाह अफगानिस्तान की घटनाक्रम पर टिकी हुई है। ऐसे समय में राजनाथ सिंह ने आतंक को पनाह देने वालों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत जरूरत पड़ने पर अपने विरोधियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने से पीछे नहीं हटेगा।

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर चुनौतियों के बावजूद भी भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हमसे दो युद्ध हारने के बाद हमारे पड़ोसी देश ने एक प्रॉक्सी वार शुरू किया है। आतंकवाद उसकी नीति का एक हिस्सा बन गया है। वह भारत को निशाना बनाने के लिए आतंकवादियों को प्रशिक्षण, हथियार और फंड उपलब्ध करा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीमा पर चुनौतियों के बावजूद हर भारतीय को भरोसा है कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से लोगों को यह यकीन हो गया कि भारत न सिर्फ देश के अंतर आतंकियों का सफाया करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर पड़ोसियों के जमीन पर भी हमला करने में कोई संकोच नहीं करेगा।

उन्होंने अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश ने दुनिया के देशों को सोचने पर मजबूर किया है। यह सभी के लिए ताजा और महत्वपूर्ण उदाहरण है। अफगानिस्तान के बदलते समीकरण ने दुनिया के देशों को अपनी रणनीति पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर किया है। आतंक के अंत के लिए दुनिया को एक साथ आना पड़ेगा। इसके लिए एक ग्रुप बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।

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