राजनाथ सिंह ने सेना को दी बड़ी सौगात, महाशक्तिशाली सेना से दुश्मनों का होगा अंत
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने आज सुरक्षाबलों के आधुनिकीकरण और परिचालन जरूरतों के लिए पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के तहत ₹7,965 करोड़ की आवश्यकता की स्वीकृति को मंजूरी दे दी है।
Defense Minister Rajnath Singh : देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारतीय सेना को बड़ी सौगात दी है। दुश्मनों के नापाक इरादों को नस्तेनाबूत करने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने आज सुरक्षाबलों के आधुनिकीकरण और परिचालन जरूरतों के लिए पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के तहत ₹7,965 करोड़ की आवश्यकता की स्वीकृति को मंजूरी दे दी है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने 02 नवंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिचालन जरूरतों के लिए पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए 7,965 रुपये की स्वीकृति की आवश्यकता (Acceptance of Necessity) को मंजूरी दे दी है। ये सभी प्रस्ताव भारत में ही पूर्ण रूप से डिजाइन, विकासित और निर्मित किए जाएंगे तथा यह इसे पूरी तरह से "मेक इन इंडिया" को ध्यान में रखकर निर्मित किया जाएगा।
घरेलू स्रोतों से खरीद की इस प्रमुख मंजूरी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से मंगाए जाने वाले 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर शामिल हैं तथा इसके अतिरिक्त भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) से लिंक्स यू2 फायर कंट्रोल सिस्टम जो कि समुद्री नौसेना की तटीय निगरानी की क्षमता को बढ़ाने में मददगार होगा भी शामिल है।
"आत्मनिर्भर भारत" के प्रोत्साहन के रूप में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा निर्मित उन्नत सुपर रैपिड गन माउंट (Super Rapid Gun Mount) को सैन्य क्षमता के साथ जोड़ा जाएगा। यह नई तकनीकी वाली SRGM युद्ध सामग्री रेंज एक्सटेंशन का उपयोग करके तेजी से युद्धाभ्यास लक्ष्यों को प्राप्त करने की विशिष्ट क्षमताएं प्रदान करेगा तथा इन्हें आसानी से भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर भी स्थापित किया जा सकेगा।
इस नए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ ही भारतीय सैन्य क्षमता को और अधिक बल मिलेगा तथा इसके चलते भारतीय सेना को अत्यधिक मजबूती भी प्रदान होगी। रक्षा मंत्री के इस निर्णय से यकीन भारत की सैन्य ताकत बढ़ेगी और सेना के पास मौजूद हथियारों की गुणवत्ता में इजाफा होने के साथ ही नई और उन्नत किस्म के हथियारों की भारतीय सेना के पास उपलब्धता दर्ज होगी।