बड़ी राहत: 180 जिलों में एक हफ्ते से कोई नया केस नहीं, खतरा देश के इन राज्यों में

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक लेना बेहद जरूरी है। इसलिए जिन लोगों ने पहली खुराक ले ली है उन्हें सबसे पहले दूसरी खुराक मिलनी चाहिए।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-05-09 01:25 GMT
कोरोना जांच(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कहर बरपा हुआ है। हर रोज करीबन लाखों लोगों के संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन ऐसे में दावा ये भी है कि देश के 180 जिलों में हफ्ते भर से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। बिल्कुल इसी तरह 18 जिलों में 14 और 54 जिलों में 21 दिन से नए मामले नहीं मिले हैं।

ऐसे में राहत की बात तो ये है कि 32 जिले ऐसे हैं जो रेड जोन से बाहर हैं। इन जिलों में पिछले 28 दिन से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है। कोरोना के आकड़ों पर शनिवार को मंत्री समूह की 25वीं बैठक में अधिकारियों ने बताया कि देश में 4.88 लाख मरीज इस समय आईसीयू में हैं। जबकि 1.70 लाख वेंटिलेटर और 9.02 लाख मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट बेड पर हैं।

इन राज्यों में सबसे ज्यादा मामले

इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक लेना बेहद जरूरी है। इसलिए जिन लोगों ने पहली खुराक ले ली है उन्हें सबसे पहले दूसरी खुराक मिलनी चाहिए। इसे लेकर राज्यों से भी प्राथमिकता देने के लिए कहा है। बैठक में बताया गया कि देश अब एक दिन में 25 लाख सैंपल की जांच कर सकता है।

साथ ही एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि छोटे कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाना बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस के मामले इन क्षेत्रों में बढ़ने लगे हैं लेकिन यहां कमजोर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से काफी नुकसान देश को झेलना पड़ सकता है।


आगे उन्होंने ये भी बताया कि महाराष्ट्र (1.27), कर्नाटक (3.05), केरल (2.35), उत्तर प्रदेश (2.44), तमिलनाडु (1.86), दिल्ली (1.92), आंध्र प्रदेश (1.90), पश्चिम बंगाल ( 2.19), छत्तीसगढ़ (2.06), राजस्थान (2.99), गुजरात (2.40) और मध्य प्रदेश में 2.24 फीसदी संक्रमण बढ़ोतरी दर मिली है जो पिछले सात दिन से लगातार बढ़ रही है।

जबकि इन राज्यों बंगलूरू (शहरी), गंजम, पुणे, दिल्ली, नागपुर, मुंबई, एर्नाकुलम, लखनऊ, कोझीकोड (कालीकट), ठाणे, नासिक, मलप्पुरम, त्रिशूर, जयपुर, गुड़गांव, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, चंद्रपुर, कोलकाता, पलक्कड़ में संक्रमण के सबसे ज्यादा सक्रिय मरीज हैं जिनका अभी उपचार चल रहा है।

वहीं बैठक में समूह एक अध्यक्ष डॉ वी के पॉल ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के लिए अस्पताल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। किस तरह स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाया जा रहा है।

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