Semiconductor Industry in India: सेमी कंडक्टर उद्योग को लुभाएगा यूपी, हार्डवेयर के क्षेत्र में हासिल करेगा नया मुकाम

Semiconductor Industry in India: देश में सेमी कंडक्टर उद्योग के प्रमोशन के लिए बीते दिनों प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है।

Written By :  Rajendra Kumar
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-12-19 13:59 IST

सेमी कंडक्टर उद्योग (फोटो- सोशल मीडिया)

Semiconductor Industry in India: केंद्र सरकार ने देश में सेमी कंडक्टर उद्योग(Semiconductor Industry) के प्रमोशन के लिए बीते दिनों प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को मंजूरी दे दी है। पीएलआई योजना से अगले 5 से 6 वर्षों में सेमीकंडक्टर निर्माण में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश होने की उम्मीद है। इस योजना के चलते देश में माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और टेस्टिंग में मदद मिलेगी और एक कंप्लीट इकोसिस्टम विकसित होगा।

केंद्र सरकार की इस योजना से उत्तर प्रदेश में सेमी कंडक्टर उद्योग (Semiconductor Industry in Uttar Pradesh) में भारी निवेश होगा, राज्य की नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2020 के चलते यह उम्मीद जताई जा रही है। सेमी कंडक्टर को आम बोलचाल में इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी कहा जाता है।

उद्योग को बढ़ावा देने का प्राविधान

बीते साल अगस्त में लायी गई इस नीति में सेमी कंडक्टर (आईसी) उद्योग (Semiconductor Industry) को बढ़ावा देने का प्राविधान किया गया है। आईटी सेक्टर में कार्यरत अफसरों का मानना है कि यूपी की नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2020 सेमी कंडक्टर उद्योग को लुभाएगी।

फोटो- सोशल मीडिया

आईटी सेक्टर (IT Sector) में कार्यरत बड़े कारोबारी भी अफसरों के इस कथन से सहमत हैं। क्योंकि बीते पौने पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश ही देश का ऐसा प्रमुख राज्य हैं, जिसने आईटी सेक्टर में भारी निवेश पाया है। यूपी की नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति के तहत नोएडा में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और डेटा सेंटर की स्थापना करने में बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की जमीन ली है।

प्रदेश सरकार की इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2017 के तहत 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य को तीन साल में ही लगभग 30 निवेशकों द्वारा प्रदेश में किए गए निवेश से प्राप्त कर लिया गया है। इस निवेश से तीन लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए।

इसके बाद अगस्त 2020 में लायी गई नई उप्र इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2020 के तहत अगले पांच वर्षो में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश और चार लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया गया है।

इस नई नीति के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, एमएक्यू, अडानी ग्रुप, हीरानंदानी ग्रुप, नेटमैजिक सर्विस, एसटीटी प्राइवेट लिमिटेड तथा अग्रवाल एसोसिएट लिमिटेड जैसी विख्यात कंपनियों का नोएडा में डेटा सेंटर की स्थापना करने की पहल की है।

यह सब संभव हुआ है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) द्वारा आईटी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा के लिए लायी गई आईटी नीति और इस सेक्टर में निवेश के इच्छुक कारोबारियों की दिक्कतों को दूर करने के लिए अफसरों को जिम्मेदारी दी गई के चलते।

सरकार की नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2020 में राज्य में सेमी कंडक्टर उद्योग की स्थापना करने वाले निवेशकों को कई रियायते देने का वादा किया गया है। इस नीति का चलते ही नोएडा में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने वाले बड़े निवेशकों का कहना है कि केंद्र सरकार की नई पॉलिसी के और यूपी की नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2020 के चलते दुनिया की बड़ी कंपनियां यूपी में फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आएंगी। देश के बड़े उद्योगपतियों को इस फील्ड आएंगे और स्टार्ट अप तथा एमएसएमई को एसेसरीज बनाने को प्रोत्साहित करेंगे।

नई-नई सुविधाएं

आईटी विभाग के अफसरों का कहना है कि यूपी में चीन, ताइवान तथा कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियों ने आईटी सेक्टर में निवेश किया है। यह कंपनियां भी सेमी कंडक्टर सेक्टर में निवेश करने की पहल करेंगी। यह उनके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि मौजूदा वक्त में जितने भी इलेक्ट्रानिक उपकरण बन रहे हैं उन सभी में सेमीकंडक्टर का उपयोग किया जाता है।

इन दिनों इलेक्ट्रानिक डिवाइस के बिना कोई भी इंडस्ट्री चाहे वह गैजेट‌स हों, घरेलू उपकरण, कंप्यूटर, मोबाइल हैंडसेट, ऑटोमोबाइल हो या कुछ और उसका विकास संभव नहीं। हवाई जहाज संचालन, ड्रोन, मेट्रो, अंतरिक्ष और रक्षा उपकरणों में सभी जगह इसका प्रयोग होता है। तभी तो हम लोगों के जीवन में नई-नई सुविधाएं जुड़ पाती हैं, तभी वह आर्टिफिसियल इंटैलीजेंस का इस्तेमाल कर पाते हैं। सेमी कंडक्टर को आम बोलचाल में इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी कहा जाता है।

कोरोना संकट के चलते सेमी कंडक्टर निर्माण का कारोबार संकट में घिर गया और चीन से इसका आयात काफी कम हो गया। इस कारण, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ। जिसका संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने पीएलआई योजना को मंजूरी दी। जिसका लाभ उत्तर प्रदेश को भी होगा।

सेमी कंडक्टर उद्योग में निवेश 

इसका कारण उत्तर प्रदेश का आईटी तथा सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में महारत हासिल होना ही है। यूपी में दुनिया की नामी आईटी कंपनियों का सेटअप है। अब इस बड़ी कंपनियों के साथ देश की अन्य बड़ी कंपनियां हार्डवेयर के क्षेत्र में निवेश करने की पहल करेंगी। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, चीन, ताइवान, जापान ने इस उद्योग में को अपने हाथ में ले रखा है, इस देशों की कंपनियां देश की प्रमुख कंपनियों के साथ मिलकर सेमी कंडक्टर उद्योग में निवेश करेंगी।

आईटी विभाग के अफसरों का कहना है कि कुछ साल पहले तक यूपी में मोबाइल हैंड सेट नहीं बनते थे, लेकिन अब बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां यूपी में मोबाइल हैंड सेट, लैपटाप, टीवी और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण बना रही हैं। यूपी में बने मोबाइल हैंडसेट दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं। सैंमसंग जैसी कंपनी ने नोएडा में डिस्पले बनाने का कारखाना लगाया है।

ऐसे में केंद्र सरकार ने जो पहल की है, यूपी में सेमी कंडक्टर उद्योग की स्थापना के लिए बड़े निवेशक निवेश करेंगे। जिसके चलते यूपी भी हार्डवेयर के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर सकेगा, और इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होगा।

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