Supreme Court News: यूपी सरकार प्रदर्शनकारियों को भेज गए नोटिस पर ना करें कार्रवाई

Supreme Court News: याचिका में नागरिक संशोधन कानून विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस को रद करने की मांग की थी।

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Published By :  Sushil Shukla
Update: 2021-07-10 07:22 GMT

सुप्रीम कोर्ट की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Supreme Court Asks: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) को सीएए (CAA) विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहले भेजे गए नोटिस (Notice) पर कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने हालांकि राज्य सरकार से कहा कि वह कानून के मुताबिक और नए नियमों के तहत कदम उठा सकती है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने कहा- पहले भेजे गए नोटिसों के तहत कार्रवाई मत कीजिए। सभी कार्रवाई नए नियमों के अनुरूप की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश की ओर से पेश वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार सुनवाई की आखिरी तारीख से आगे बढ़ रही है। इसने ट्रिब्यूनल का गठन किया है और सभी जरूरी नियम बनाए हैं। इस पर पीठ ने प्रसाद को जवाबी हलफनामा दायर कर नियमों और ट्रिब्यूनल का विस्तृत विवरण देने को कहा और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी।

सुप्रीम कोर्ट परवेज आरिफ टीटू की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। परवेज ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून ;ब्।।द्ध विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस को रद करने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला प्रशासन की ओर से मनमाने ढंग से नोटिस भेजे गए हैं।

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