केसीआर की नीतीश को राष्ट्रपति बनाने की पहल, विपक्ष की कोशिशों पर जानिए क्या बोले बिहार के सीएम

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पहल के बाद नीतीश कुमार का नाम चर्चा में आया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-02-22 22:44 IST

नीतीश कुमार और केसीआर। 

New Delhi: देश में अगले राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) की बिसात बिछने लगी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) का कार्यकाल इस साल जुलाई में पूरा होने वाला है और उसके पहले विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के नाम की चर्चा शुरू हो गई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K Chandrashekhar Rao) की पहल के बाद नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) का नाम चर्चा में आया है।

केसीआर ने पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) और एनसीपी के मुखिया शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) से मुलाकात की थी और जानकारों के मुताबिक इस दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। हाल में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) से मुलाकात के बाद नीतीश के नाम की चर्चाओं ने और तेजी पकड़ ली। दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) इन चर्चाओं को पूरी तरह बेदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि मुझे इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।

केसीआर की ठाकरे और पवार से मंत्रणा

नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए विपक्ष ने अभी से ही सक्रियता बढ़ा दी है। खास तौर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) इस मुद्दे को लेकर ज्यादा सक्रिय हैं। उनकी कोशिश गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाने की है। केसीआर पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) के निमंत्रण पर मुंबई पहुंचे थे। ठाकरे के साथ उन्होंने काफी देर तक गहन मंत्रणा की थी। हालांकि इस मुलाकात के बाद उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में कोई बयान नहीं दिया।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार से भी चर्चा की है। सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नीतीश कुमार के नाम पर चर्चा हुई। केसीआर की पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी बातचीत हुई थी।

प्रशांत की मुलाकात से चर्चाओं ने पकड़ी तेजी

ठाकरे और पवार से केसीआर की मुलाकात के बाद चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के साथ हुई गुपचुप मुलाकात के बाद इन चर्चाओं ने और तेजी पकड़ ली। जानकारों का मानना है कि केसीआर की पहल के संबंध में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने नीतीश कुमार से चर्चा की है। जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के संबंध में नीतीश कुमार को मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

प्रशांत किशोर हाल के दिनों में गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। नीतीश कुमार की उम्मीदवारी को भी इसी दिशा में उठाया गया कदम बताया जा रहा है।

नीतीश ने जताई अनभिज्ञता

अब इस मुद्दे पर नीतीश कुमार का बयान भी सामने आया है और उनका कहना है कि इस तरह की बातों में कोई दम नहीं है। उनका कहना है कि मुझसे इस बाबत अभी तक कोई चर्चा नहीं की गई है और मुझे इस तरह की पहल की कोई जानकारी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे दिमाग में अभी इस तरह का कोई विचार नहीं है और मैंने इस बाबत कोई कल्पना भी नहीं की है।

दूसरी ओर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Bihar Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi) का कहना है कि देश में किसी भी बड़े पद को संभालने के लिए नीतीश कुमार पूरी तरह योग्य हैं। उन्होंने कहा कि समय आने पर देखा जाएगा कि उन्हें राष्ट्रपति बनाया जाए या नहीं। बिहार के डिप्टी सीएम ताराकिशोर प्रसाद का कहना है कि अभी तक मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

नीतीश ले सकते हैं बड़ा फैसला

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद सियासी घटनाक्रम और तेज होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस तरह की सियासी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार एनडीए से अलग होने का बड़ा फैसला भी ले सकते हैं। जातीय जनगणना की मांग को केंद्र सरकार की ओर से ठुकराया जा चुका है मगर नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) इसके पक्ष में है। इसे लेकर नीतीश का भाजपा के साथ गहरा मतभेद है जबकि राजद की ओर से इसे लेकर नीतीश कुमार का समर्थन किया जा रहा है।

ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी सियासी घटनाक्रम और तेज हो सकता है। विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार के दमदार चेहरे की वकालत इसलिए भी की जा रही है कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस भी समर्थन देने के लिए मजबूर हो जाएगी। अब यह देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।

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