बेरोजगारी हावी: भारत में 5 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार, महिलाओं की हालत अभी भी दयनीय

Unemployment in India: विकासशील इस देश के आगे ये एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान गुजरों दो सालों में बेरोजगारी की समस्या ने भयानक रूप ले लिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-21 13:53 IST

भारत में बेरोजगारी (फोटो-सोशल मीडिया)

Unemployment in India: भारत में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा बन गया है। विकासशील इस देश के आगे ये एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान गुजरों दो सालों में बेरोजगारी की समस्या ने भयानक रूप ले लिया है। सामने आई एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बेरोजगारों की संख्या 5 करोड़ से अधिक हो गई है। जिनमें महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है। 

बेरोजगारी को लेकर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने एक दिन पहले रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2021 तक भारत में बेरोजगारों की संख्या 5.3 करोड़ है। जिसमें से महिलाओं की संख्या 1.7 करोड़ है। 

बेरोजगार लोगों का आंकड़ा बहुत बड़ी समस्या

इन आकड़ों में घर बैठे उन लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है जो लगातार काम खोजने का कोशिशों में लगे हुए हैं। महामारी के दौरान गुजरे सालों में लगातार काम की तलाश करने वाले बेरोजगार लोगों का आंकड़ा बहुत बड़ी समस्या है।

सामने आई इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल 5.3 करोड़ बेरोजगार लोगों में से करीब 3.5 करोड़ लोग अभी भी काम की तलाश में लगे हुए हैं। इन आकड़ों में करीब 80 लाख महिलाएं हैं। जिनके पास काबिलियत होने के बाद भी रोजगार का कोई साधन नहीं है।

बचे 1.7 करोड़ बेरोजगार लोग, जो काम तो करना चाहते हैं, लेकिन उनकी सक्रियता में कमी होने की वजह से वे तलाश को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। बेरोजगारों के इस आकड़ें में भी 53 प्रतिशत अंकों में 90 लाख महिलाएं हैं। वहीं इस पर सीएमआईई का कहना है कि भारत में रोजगार मिलने की दर बहुत कम है और यह अधिक बड़ी समस्या है। सीएमआईई की रिपोर्ट के हिसाब से भारत में रोजगार मिलने की दर पहले से ही कम थी और अब और भी कम होती जा रही है।

भारत में अभी भी महिलाओं का बेरोजगारी रिकॉर्ड संभल नहीं रहा है। ऐसे में जारी हुई रिपोर्ट पर संस्थान की ओर से भारत में महिलाओं के लिए रोजगार के बहुत कम अवसर उपलब्ध हैं। महिलाओं के काम करने की राह में सोशल सपोर्ट की कमी एक बड़ी वजह बनकर उभर रही है।

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