Union Budget 2022: IPSEF की FM निर्मला सीतारमण से मांग- आयकर सीमा बढ़ाकर 10 लाख हो, पुरानी पेंशन बहाली व फ्रीज DA का हो भुगतान
Union Budget 2022: केंद्र सरकार (Central Government) 1 फरवरी को आम बजट (Union Budget 2022) पेश करेगी। इसी दिन, 11 बजे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) साल 2022 के आम बजट को जनता के सामने रखेंगी।
Lucknow: केंद्र सरकार (Central Government) 1 फरवरी को आम बजट (Union Budget 2022) पेश करेगी। इसी दिन, 11 बजे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) साल 2022 के आम बजट को जनता के सामने रखेंगी। जिससे सभी वर्ग के लोगों की ज़िंदगी में कुछ आमूल-चूल बदलाव आना सम्भव है। उम्मीद है कि इस बार के बजट में, किसानों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
वहीं, पांच राज्यों में चुनाव को देखते हुए भी, बजट को लुभावना बनाये जाने की संभावना है। इसके अलावा, अलग-अलग संगठन भी अपनी मांगों को बजट में जगह देने की गुहार लगा रहे हैं। इसी के मद्देनजर, इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (IPSEF) ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग की है कि बजट में आयकर सीमा बढ़ाकर 10 लाख की जाए। पुरानी पेंशन बहाली और फ्रिज डीए का भी भुगतान किया जाए।
पुरानी पेंशन की हो बहाली
इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.पी. मिश्र ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर मांग की है कि केंद्रीय बजट में आयकर सीमा बढ़ाकर 10 लाख की जाए। साथ ही पुरानी पेंशन की बहाली एवं फ्रीज़ महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाए। क्योंकि देश भर के कर्मचारी अत्यधिक नाराज एवं आक्रोशित हैं। वीपी मिश्र ने कहा है कि सभी सरकारी कार्य करने वाले कर्मचारियों की कठिनाइयों को भी ध्यान देना चाहिए। सरकार के हर संकट में कर्मचारी पूरा साथ देता है।
संविदा कर्मचारियों के लिये बनाएं नीति
महासचिव प्रेमचंद ने भी वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि आउटसोर्सिंग व संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति बनाये, जिससे उनकी सुरक्षा हो सके और उनका शोषण बंद हो।
एक देश-एक वेतन की भी मांग
इप्सेफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके भदौरिया, शशि कुमार मिश्र और राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने वित्त मंत्री से मांग की है कि देशभर के कर्मचारियों के लिए एक देश-एक वेतन देने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाई जाए। जिससे राज्यों के सभी कर्मचारी को एक समान वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएं मिल सके। इन नेताओं ने बताया कि राज्यों में अलग वेतन भत्ते एवं सुविधाएं मिल रही हैं, जिससे उनका शोषण होता है। इप्सेफ के नेताओं ने प्रधानमंत्री से भी कर्मचारियों की पीड़ा को समझने का आग्रह किया है।