गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला: राज्यों में नहीं रोके जाएंगे ऑक्सीजन वाहन, मूवमेंट करें मुफ्त

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार साफ निर्देश दिए हैं कि राज्यों के बीच ऑक्सीजन की आवा-जाही में किसी तरह को कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-22 11:33 GMT

ऑक्सीजन सिलेंडर(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: पूरे देश के अस्पतालों में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से मरीजों को बेड और ऑक्सीजन की भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को ये साफ निर्देश दिए हैं कि राज्यों के बीच ऑक्सीजन की आवा-जाही में किसी तरह को कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी।

गृह मंत्रालय ने कहा कि परिवहन प्राधिकरणों (स्टेट अथॉरिटीज) को कहा जाएगा कि वे ऑक्सीजन लेकर जा रही गाड़ियों को अंतरराज्यीय मूवमेंट को मुफ्त करें।

ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक कर इसके समाधान पर चर्चा की। इस बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव के अलावे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मार्ग मंत्रालय, मेडिकल क्षेत्र से और नीति आयोग के अधिकारी शामिल थे।

गृह मंत्रालय ने इस बात पर दिया जोर

जिसमें पीएमओ ने बताया कि मेडिकल क्षेत्र से प्रतिनिधियों ने इस उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ऑक्सीजन के सही इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर दिया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि जमाखोरों से राज्य सरकार को सख्ती से निपटना चाहिए।

वहीं इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी आज सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्यों के बीच ऑक्सीजन की मूवमेंट में किसी तरह को कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। साथ ही, गृह मंत्रालय ने कहा कि परिवहन प्राधिकरणों (स्टेट अथॉरिटीज) को कहा जाएगा कि वे ऑक्सीजन लेकर जा रही गाड़ियों को अंतरराज्यीय मूवमेंट को फ्री करें।


आगे गृह मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि ऑक्सीजन निर्माता और इसके सप्लायर के ऊपर यह रोक नहीं लगाई जा सकती है कि वह वे सिर्फ उसी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश को दे जहां पर उसका उत्पादन किया जा रहा है।

इसके अलावा शहरों और राज्यों के बीच बिना किसी तय समय के ऑक्सीजन गाड़ियों की मूवमेंट बिना की रोक-टोक के होगी। वहीं किसी भी अथॉरिटीज की तरफ से उस क्षेत्र से ऑक्सीजन ले जा रही गाड़ी को इसलिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा कि वे किसी खास इलाके या उस जिले में ही ऑक्सीजन दे। मरीजों को जल्द से जल्द ऑक्सीजन दिलवाई जाए।  

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