New Delhi: एक अक्टूबर से शुरू होंगे विश्वविद्यालयों नए अकादमिक सत्र, यूजीसी ने जारी किये दिशा-निर्देश

यूजीसी ने कहा है कि देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नया आकदमिक सत्र एक अक्टूबर से शुरू होगा जबकि दाखिले की प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी की जाएगी।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-07-18 09:28 IST

यूजीसी: फोटो- सोशल मीडिया

New Delhi: कोरोना महामारी को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नए दिशा-निर्देशों में कहा है कि देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नया आकदमिक सत्र एक अक्टूबर से शुरू होगा जबकि दाखिले की प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी की जाएगी। दिशा-निर्देशों में विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा संस्थानों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले की प्रक्रिया सीबीएसई, आईसीएसई और सभी राज्य बोर्डों के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद ही शुरू हो।

यूजीसी ने कहा है कि "ऐसी उम्मीद की जाती है कि सभी स्कूल बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए परिणाम 31 जुलाई तक घोषित कर देंगे। अगर परीक्षा परिणामों की घोषणा में कोई देरी होती है तो नया अकादमिक सत्र 18 अक्टूबर तक शुरू हो सकता है।" आयोग ने स्पष्ट किया कि पठन-पाठन की प्रक्रिया ऑफलाइन, ऑनलाइन या दोनों माध्यमों से जारी रहनी चाहिए।

केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रोटोकॉल के अनुसार योजना बना सकते हैं-यूजीसी

यूजीसी ने अपने दिशा-निर्देशों में यह भी कहा कि "संस्थान कोविड-19 महामारी के मद्देनजर समय-समय पर केंद्र तथा राज्य सरकारों से जारी परामर्श तथा आवश्यक प्रोटोकॉल के बाद एक अक्टूबर से 31 जुलाई के दौरान कक्षाएं, छुट्टियां, परीक्षाएं कराने, सेमेस्टर ब्रेक की योजना बना सकते हैं।"

फोटो- सोशल मीडिया 


दाखिला रद्द या स्थानांतरण के मामले में पूरी फीस वापस करने के निर्देश

कोविड-19 महामारी के दौरान अभिभावकों के सामने आईं वित्तीय परेशानियों को देखते हुए आयोग ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दाखिला रद्द कराए जाने या छात्रों के स्थानांतरण के मामले में पूरी फीस वापस की जाए। विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों के लिए आखिरी सत्र या अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 31 अगस्त तक कराना अनिवार्य किया गया है और कहा गया है कि परीक्षाएं ऑफलाइन, ऑनलाइन या दोनों माध्यमों में कराई जा सकती है।

आयोग ने कहा है कि प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान सुनिश्चित करेगा कि वह शैक्षिक गतिविधियों को समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकारों या सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी आवश्यक प्रोटोकॉल, दिशा-निर्देशों और परामर्श के अनुपालन के साथ आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। आयोग ने कहा कि "यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान ऐसी जगह स्थित है जहां सरकार ने लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया हो तो वह तदनुसार काम करे। ऐसे मामले में ये सिफारिशें अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएंगी।"

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