Vaishno Devi Hadsa: भगदड़ में बचने के उपाय जानिए, पढ़ें पूरी खबर

Vaishno Devi Stampede : जीवन में सब कुछ आपकी लोकेशन है - इस मंत्र को याद रखिये। सो भगदड़ जैसी खराब स्थिति से बचने के लिए भीड़ से दूर रहिए।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-01-01 08:48 GMT

Vaishno Devi Stampede : वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno devi mandir) परिसर में हुई भगदड़ (Mandir mai bhagdar) की घटना भीड़ भरी जगहों में दुनियाभर में हुई ऐसी घटनाओं की एक कड़ी है। मेला (Mela), कंसर्ट, मंदिर (Mandir), क्लब ( Club), स्टेशन (Station) , मॉल (Mall), स्टेडियम (Stadium) किसी भी जगह पर ऐसी घटना घट सकती है जहां कम जगह और ज्यादा भीड़ हो। ऐसी स्थिति में हम आप कहीं भी फंस सकते हैं। ये समझना जरूरी है कि ऐसी स्थिति में अपने को कैसे बचाया जा सकता है। सबसे पहले तो समझ लीजिए कि भगदड़ में पैरों तले कुचले जाने और दम घुटने से ही मौतें होती हैं।

क्या है मंत्र

जीवन में सब कुछ आपकी लोकेशन है - इस मंत्र को याद रखिये। सो भगदड़ जैसी खराब स्थिति से बचने के लिए भीड़ से दूर रहिए। भगदड़ में दो तरह की स्थिति बनती है जिसमें किसी की जान जा सकती है - पैरों तले कुचलने या दम घुटने से। एक्सपर्ट्स के अनुसार,प्रति वर्ग मीटर 7 या इससे ज्यादा लोगों के होने पर अगर भगदड़ मचती है तो लोग दब कर मर सकते हैं। ऐसा जमीन पर गिरने या खड़े - खड़े हो सकता है।

पैनिक की अवस्था में भीड़ में जबर्दस्त एनर्जी पैदा होती है और जब भगदड़ शुरू होती है तो ये एक ट्रेन की तरह आगे बढ़ती है जिसे रोक पाना लगभग असंभव होता है। सिर्फ सात लोग अगर मिलकर एक दिशा में धकेलना शुरू करें तो वे 453.59 किलोग्राम के बराबर की शक्ति जनरेट करेंगे जिससे ईंट की दीवार ढहाई जा सकती है। यही वजह है कि भगदड़ मचने पर लोग खड़े खड़े मारे जाते हैं।

परिस्थिति के प्रति जागरूक बनिये

परिस्थिति के प्रति जागरूक होने में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आप अपने इर्दगिर्द का दिमागी नक्शा बना लें। किसी भी जगह के बारे में जानकार हो जाइए जैसे कि कहां गेट हैं, कहां दीवार है, कहां से लोग आ रहे हैं, कहां पुल है वगैरह। भगदड़ शुरू होने से पहले ही आपको फंसने वाली जगहों की अच्छी तरह जानकारी होनी चाहिए।

जब धक्कामुक्की शुरू होती है तब अधिकांश लोग एक दूसरे को फॉलो करने लगते हैं। ये भीड़ का व्यवहार होता है। लोग आमतौर पर ठीक उस जगह से निकलने की कोशिश करते हैं जहां से उन्होंने एंट्री की थी। ऐसा इसलिए कि वह एक देखा हुआ रूट होता है। बहुत कम लोग किसी वैकल्पिक रूट का इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए किसी खराब स्थिति में वैकल्पिक रूट का इस्तेमाल करिए। याद रखिये कि एंट्री करते समय ही बाहर जाने का रास्ता समझ लेना है।

कब बाहर निकलें

  • जैसे ही आपको असहज महसूस होने लगे, आपको बाहर निकल जाने का वही सबसे अच्छा समय है। ये सामान्य नियम है। अगर आपका दिल कह रहा है कि अब बाहर निकल जाना चाहिए तो निकल जाइए। अपना निर्णय कतई टालिए नहीं।
  •  भगदड़ में फंसने के खतरा होते ही किसी ऐसी जगह पहुंचिए जहां आप कवर्ड हों, जैसे कि कोई अलमारी, टांड़, पेड़, वाहन, कोई भी ऐसी चीज जो आपको भीड़ से बचाये। यानी आपको कवच लेना है। लेकिन गलियारे, दीवार, चारदिवारी के पास कतई न जाएं।
  • भीड़ में से सीधे नहीं निकलने की कोशिश करें। तिरछी दिशा में बढ़ें। 
  • हाथ ऊपर सीने के सामने रखें। इससे आप लोगों को पुश कर सकेंगे। कुचले नहीं जाएंगे।
  • तेज सांस न लें। सामान्य तरह से सांसें लें। भगदड़ में आपको अपनी ऑक्सिजन बचानी होगी।
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