VPN Ban in India : रूस ने बैन किया वीपीएन, भारत में भी कार्रवाई मुमकिन

भारत में वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क को बैन करने की बात चल ही रही है कि रूस ने अपने यहां सबसे पॉपुलर वीपीएन सेवाओं को ब्लॉक कर भी दिया है।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Ashiki
Update:2021-09-04 21:25 IST

कॉन्सेप्ट इमेज (Photo- Social Media) 

नई दिल्ली: भारत में वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क को बैन करने की बात चल ही रही है कि रूस (Russia) ने अपने यहां सबसे पॉपुलर वीपीएन सेवाओं को ब्लॉक कर भी दिया है। रूस के संचार नियामक ने कहा है कि इन्टरनेट पर अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से वीपीएन की बड़ी सेवाओं को ब्लॉक कर दिया गया है।

भारत में सिफारिश

भारत में गृह मामलों की एक संसदीय समिति ने भारत सरकार से कहा है कि सभी प्रकार की वीपीएन सेवाओं को ब्लॉक कर दिया जाये। संसदीय समिति के अनुसार, वीपीएन तकनीकी चुनौती पेश करते हैं।,ऑनलाइन पहचान छुपाने के लिए अपराधी इन नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय से कहा है कि वह आईटी मंत्रालय के साथ कोआर्डिनेट करके इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स की मदद ले और देश में वीपीएन सेवाओं को बैन कर दे। भारत में मौजूदा समय में सबसे लोकप्रिय वीपीएन सेवाओं में एक्सप्रेस वीपीएन, नोर्ड वीपीएन, सर्फशार्क, आईपी वैनिश आदि शामिल हैं।

संसदीय समिति का कहना है कि वीपीएन सेवाएँ आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं। कोई भी इनको डाउनलोड कर सकता है। इनके इस्तेमाल से कोई भी व्यक्ति अवांछित गतिविधियों को छिपा सकता है । इन्टरनेट पर अपनी पहचाना छुपा सकता है। समिति ने वीपीएन को साइबर सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया है। भारत में वीपीएन सेवाओं का इस्तेमाल लोग ऐसी सामग्री को एक्सेस करने के लिए भी करते हैं जो भारत में उपलब्ध नहीं है। मिसाल के तौर पर वीपीएन से नेटफ्लिक्स की वह सामग्री देखी जा सकती है जो सिर्फ यूके या अमेरिका में ही प्रसारित की जाती है। इसी तरह लोग उन पोर्न साइट्स को भी देख सकते हैं जो भारत में बैन हैं। कुछ यूजर अपनी ऑनलाइन पहचान छुपाने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं।

क्या हुआ रूस में

जहाँ भारत में वीपीएन सेवाएँ बंद करने की बात उठी है वहीं रूस ने अपने यहाँ 6 सबसे लोकप्रिय वीपीएन सेवाओं को ब्लॉक कर दिया है। रूस के आधिकारिक संचार नियामक प्राधिकरण ने कहा है कि उसने कुछ बड़ी वीपीएन सेवाओं को ब्लॉक कर दिया है। इनमें एक्सप्रेस वीपीएन, नोर्ड वीपीएन और आईपी वैनिश, होला वीपीएन, कीप सॉलिड वीपीएन और स्पीडीफाई वीपीएन शामिल हैं।

रूसी नियामक के आधिकारिक बयान के अनुसार, रूस में वीपीएन के जरिये प्रतिबंधित सूचनाओं और सामग्रियों को प्राप्त किया जाता है। उनका इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया अजा सकता है। ऐसे गतिविधियों में ड्रग्स, बाल पोर्नोग्राफी, अतिवाद और सुसाइड शामिल है। हालाँकि विरोधियों का कहना है कि रूस में लोग वीपीएन का इस्तेमाल उन सामग्रियों को प्राप्त करने के लिए करते हैं जिनको विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से ब्लॉक करके रखा जाता है।

रूस में ऐसी देशी-विदेशी वेबसाइट्स और समाचार सामग्री ब्लॉक है जो व्लादिमीर पुतिन के शासन की आलोचना करती है। भ्रष्टाचार को उजागर करती हैं। वीपीएन के जरिये रूसी लोग इन्टरनेट की सेंसरशिप का तोड़ निकला लेते हैं। लोगों का कहना है कि वीपीएन सेवाओं को ब्लॉक कर पाना आसान नहीं है। इसके लिए चीन का उदाहरण दिया जाता है जहाँ प्रतिबन्ध के बावजूद एक्सप्रेस वीपीएन और नोर्ड वीपीएन काम कर रहा है।

क्या है वीपीएन और कैसे काम करता है

वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यानी वीपीएन इन्टरनेट पर पहुँच बनाने का एक विशिष्ट जरिया है। वीपीएन की बदौलत आप एक आभासी सुरंग के जरिए इंटरनेट तक पहुंच सकते हैं। वीपीएन इसलिए बनाये गए थे ताकि विभिन्न ठिकानों में मौजूद कंपनियों के अपने अंदरूनी नेटवर्कों (इंट्रानेट) को इंटरनेट के माध्यम से इन्क्रिप्टेड चैनलों में जोड़ा जा सके। यानी कम्पनी का निजी कामकाज सार्वजनिक रूट से बाहर रहे। इसी सिद्धांत का इस्तेमाल करते हुए वीपीएन नियंत्रित नेटवर्कों की दुनिया में एक निजी कंप्यूटर को मुक्त इंटरनेट के सर्वर से जोड़ने में भी काम आता है।

वीपीएन सेवा प्रदाताओं का दावा होता है कि अपने सेलफोन में आप उनके सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें, तो आप सुरक्षित रूप से ऑनलाइन हो सकते हैं। और वे यह वादा भी करते हैं कि आपका निजी डेटा किसी भी सूरत में कोई शक्ति हासिल नहीं कर सकती है। एक बात साफ है कि अगर वीपीएन कारगर रहता है, तो आप दूसरे देशों की स्ट्रीमिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, सरकारी सेंसरशिप को बाइपास कर सकते हैं। ब्लॉक की गई वेबसाइटों को एक्सेस कर सकते हैं।

वीपीएन आपके स्मार्टफोन या कंप्यूटर से दूर स्थित वीपीएन सर्वर के बीच एक इन्क्रिप्टेड यानी अभेद्य टनल बना देता है। इस छोर से आप पब्लिक इंटरनेट में दाखिल होते हैं। जब आप वेब सर्फिंग कर रहे होते हैं, तो ये आपकी विजिट की हुई वेबसाइट ऑपरेटरों को ऐसे देखता है, जैसे आपका कंप्यूटर ही वीपीएन सर्वर हो। मिसाल के लिए अगर आप रूस में स्मार्टफोन या कंप्यूटर इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन आपका वीपीएन सर्वर जापान में स्थित है, तब जिन वेबसाइटों का दौरा आप करते हैं, उनके ऑपरेटर यही समझेंगे कि आप जापान में हैं। यह खेल इस तथ्य पर आधारित है कि आप अपने खुद के आईपी एड्रेस के साथ प्रकट नहीं होते हैं, बल्कि वीपीएन सर्वर के जरिए मौजूद होते हैं।

वीपीएन में आपकी पहचान बुनियादी रूप से देखें तो इंटरनेट ट्रैफिक पर नियंत्रण करने वाली ताकतें किसी को वीपीएन इस्तेमाल करते हुए पहचान सकती हैं। लेकिन वे ये नहीं जान सकती कि कोई वहां क्या कर रहा है। यानी वीपीएन टनल में डाटा की आवाजाही नहीं देखी जा सकती है। इस वजह से कई जगह वीपीएन को प्रतिबंधित किया गया है।

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