लगातार मास्क लगाने की वजह से ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं लोग? डॉ निखिल टंडन ने दिए सभी सवालों के जवाब
डॉक्टर निखिल टंडन का कहना है कि फंगस हमारे वातावरण में मौजूद है, धूल, मिट्टी वाली जगह पर इसके फैलने की संभावना रहती है।
Black fungus case: क्या कोरोना वायरस के बाद अब ब्लैक फंगस बनने जा रही है नई महामारी? क्या लगातार मास्क लगाने से भी ब्लैक फंगस की बीमारी हो सकती है? क्या कोरोना वायरस के मरीज़ों के बाद अब ये नॉन कोविड मरीज़ों को भी अपना शिकार बना रहा है? जानें इसपर क्या कहते हैं एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर।
दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई कि दूसरी जानलेवा बिमारी 'ब्लैक फंगस' ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार अब इस बिमारी को लेकर भी समय समय पर दिशा निर्देशों के पालन को लेकर एडवाइजरी जारी कर रही है। देश में फैली ये नई बिमारी तेज़ी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। इसको लेकर फैले डर और चिंता के माहौल के बीच एम्स (दिल्ली) के डॉक्टर निखिल टंडन ने कई ऐसे सवालों का जवाब दिया है जो आज के दौर में हर किसी के ज़हन में है।
मास्क बन रहा इसका कारण?
क्या लगातार मास्क (mask) लगाने से भी ब्लैक फंगस (black fungus) की बीमारी हो सकती है? इस सवाल पर एम्स के डॉक्टर निखिल टंडन ने कहा है कि इस वक्त सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें काफी चल रही हैं। लेकिन एक चीज़ कहना चाहूंगा कि फंगस हमारे वातावरण में मौजूद है, धूल, मिट्टी वाली जगह पर इसके फैलने की संभावना रहती है। तब हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़िया थी, इसलिए हमें इसका खतरा नहीं था। लेकिन अगर मास्क (mask) लगाने की बात हो रही है तो इसके बारे में अभी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि इसमें एक बात यही निकल कर आता है कि अगर इम्यूनिटी अच्छी है तो ब्लैक फंगस (black fungus) से शरीर पर असर नहीं पड़ेगा। अगर कोरोना वायरस के मरीज़ हैं और इम्यूनिटी कम हो गई है तो थोड़ी सतर्कता की ज़रूरत है।
नहीं हुआ है कोरोना तो भी रहें बच कर
निखिल टंडन ने बताया है कि जो लोग स्वस्थ (healthy) हैं उनमें ब्लैक फंगस (Black Fungus) नहीं होता है। उन्हें डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। लेकिन जो लोग अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए हैं (non covid-19 patients) उनमें भी ब्लैक फंगस हो सकता है। ऐसे लोग वो हैं जिन्हें डाबिटीज़ (diabetes), कैंसर (cancer), या ऐसी दवा ले रहे हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) कम होती है, ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस हो सकता है। फिर भी इसे लेकर अब भी शोध चल रहे हैं जिससे इसके अन्य कारणों का पता लगाया जा सके।