Weather News: लू के कारण गर्मी ने तोड़ा 72 साल का रिकॉर्ड, जानिए क्यों नहीं हो रही बारिश?

Weather Update : भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक 11 अप्रैल को दिल्ली में तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेड के पार चला गया जो पिछले 72 साल में दर्ज किये गए तापमान का सबसे उच्च स्तर है।

Report :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-13 13:19 IST

दिल्ली में टूटा गर्मी का रिकॉर्ड (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Weather News: राजधानी दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य कई राज्यों में इस वक्त गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। इस साल मार्च महीने से ही गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था। वहीं मध्य मार्च से ही लू यानी हीट वेव (Heat Wave) भी चलने लगा था, जिसके कारण राजधानी दिल्ली समय कई राज्यों में पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस साल गर्मी काफी ज्यादा हो गई है।

अप्रैल में बढ़ा हीट वेव

अप्रैल महीने की अगर बात करें तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और राजधानी दिल्ली में अप्रैल के शुरुआती दिनों से ही लगातार लू की स्थिति बनी हुई है। लगातार करीब दो हफ्ते से लू की स्थिति बने रहने के कारण राजधानी दिल्ली में गर्मी 2021 और 2020 के मुकाबले इस साल अप्रैल महीने में काफी ज्यादा रहा। आंकड़े को देखें तो ऐसा लू अप्रैल महीने में केवल एक दिन वह भी 2019 और 2018 में चला था।

72 साल का रिकॉर्ड टूटा

राजधानी दिल्ली में पिछले 72 साल के गर्मी का रिकॉर्ड अप्रैल महीने में लू के कारण टूट गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक बीते 2 हफ्ते के दिल्ली में तापमान में जबरदस्त उछाल दर्ज की गई। अगर 11 अप्रैल के आंकड़े को देखें तो इस दिन तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेड से भी अधिक पहुंच गया था जो 1951 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। हालांकि इससे पहले साल 2010, 2012 और 2013 में भी राजधानी दिल्ली में रिकॉर्ड स्तर पर गर्मी पड़ी थी उस वक्त राजधानी दिल्ली में पारा 41 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया था।

क्या है गर्मी बढ़ने का कारण?

बीते 15 दिनों में उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी भीषण पड़ रही है। जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन क्षेत्रों में इस दौरान एक भी बार बारिश नहीं हुई। वहीं रोजाना लू की स्थिति बने रहने के कारण तापमान में गिरावट नहीं आ रही है। उत्तर पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही तूफान या बारिश होता है। मगर बीते एक साल में जो भी पश्चिमी विक्षोभ बना वह बेहद कमजोर है जिस कारण उत्तर पश्चिम भारत में बारिश नहीं कर सका। हालांकि पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में इसके वजह से हल्की या मध्यम बारिश देखी जा रही है।

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