Mukul Roy Returns To TMC: अभी खत्म नहीं हुआ है ममता का खेला, बंगाल में भाजपा को और झटका देने की तैयारी
Mamta Says: जिन लोगों ने पैसा और पावर के लिए चुनावों में टीएमसी के साथ गद्दारी की है, उन्हें पार्टी में कभी वापसी नहीं मिलेगी
Political News: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान खेला होबे का नारा देने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद भी खेला करने में जुटी हुई हैं। करीब सवा महीने पहले भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले मुकुल रॉय को टीएमसी में शामिल करके दीदी ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में कई और भाजपा नेता टीएमसी का दामन थाम सकते हैं।
मुकुल राय की टीएमसी में वापसी के मौके पर ममता बनर्जी ने इस बात का संकेत भी दे दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अभी और भी बहुत सारे लोग टीएमसी में वापस आने वाले हैं, लेकिन सिर्फ उन्हीं लोगों के नाम पर विचार किया जाएगा जिनका टीएमसी के प्रति सॉफ्ट रवैया रहा है और जिन्होंने गद्दारी नहीं दिखाई है।
कई नेता टीएमसी में जाने के लिए तैयार
पिछले महीने की दो तारीख को चुनावी नतीजों की घोषणा होने के बाद बंगाल के विभिन्न हिस्सों से कई भाजपा नेताओं ने फिर टीएमसी में शामिल होने के लिए ममता से गुहार लगाई है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने टीएमसी के 30 से अधिक नेताओं को तोड़कर ममता को करारा झटका दिया था। जानकारों के मुताबिक इन नेताओं को जनता के मूड का पता नहीं था और इन्होंने भाजपा के सत्तारूढ़ होने की आशा से राष्ट्रीय पार्टी का दामन थाम लिया था। चुनावी नतीजों में ममता की भारी जीत के टीएमसी से बगावत करने वाले कई नेता अब घर वापसी के लिए तैयार बैठे हैं।
सांसद और तीन विधायकों की चर्चा
इन नेताओं में मतुआ समुदाय के प्रमुख सदस्य सांसद शांतनु ठाकुर का भी नाम बताया जा रहा है। वे बंगाल में सीएए कानून को लागू कराने के मुद्दे पर बीजेपी के रुख से नाराज बताए जा रहे हैं। उनके अलावा तीन विधायकों विश्वजीत दास, अशोक कीर्तनिया और सुब्रत ठाकुर के भी टीएमसी में जाने की चर्चाएं हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की ओर से बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक में सांसद ठाकुर और ये तीनों विधायक हिस्सा लेने नहीं पहुंचे थे।
भाजपा को पहला बड़ा झटका
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी कराकर ममता ने पहले ही भाजपा को करारा झटका दे दिया है। मुकुल राय की पत्नी के इलाज के दौरान अभिषेक बनर्जी के अस्पताल पहुंचने के बाद से ही मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी की चर्चाएं तैर रही थीं। मुकुल रॉय के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी टीएमसी में वापसी की इच्छा जताई है। ऐसी इच्छा जताने वाले नेताओं की लिस्ट काफी लंबी बताई जा रही है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी इस बाबत पिछले दिनों संकेत किया था।
राजीव बनर्जी को लेकर भी चल रहीं चर्चाएं
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव बनर्जी का नाम उन नेताओं में शामिल है जिनका जल्द टीएमसी में लौटना तय माना जा रहा है। चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद बंगाल के कई हिस्सों में हुई हिंसा की घटनाओं पर भाजपा नेताओं की ओर से ममता बनर्जी को दी गई धमकी पर बनर्जी ने नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि राज्य की जनता ने जिस सरकार को भारी बहुमत से चुना है, उसे इस तरह हटाने का केंद्र को अधिकार नहीं है। माना जा रहा है कि मुकुल रॉय के बाद राजीव बनर्जी की भी टीएमसी में वापसी हो सकती है बशर्ते ममता बनर्जी इस बात के लिए तैयार हो जाएं। चुनाव के बाद बनर्जी ने भाजपा की ओर से बुलाई गई आम बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था।
पूर्व विधायक ने पत्र लिखकर मांगी माफी
टीएमसी के पूर्व विधायक दीपेंदु विश्वास ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर उनसे माफी मांगी है। टीएमसी की ओर से टिकट न दिए जाने के बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। ममता को लिखे पत्र में विश्वास ने टीएमसी छोड़ने के फैसले को बुरा बताते हुए पार्टी में वापसी की इच्छा जताई है।
सोनाली गुहा की टीएमसी में वापसी की तैयारी, पत्र लिख जताया खेद
विश्वास के अलावा पूर्व टीएमसी विधायक सोनाली गुहा भी टीएमसी में वापसी करना चाहती हैं। वे भी चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुई थीं। उन्होंने भी ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपने फैसले पर खेद जताया है और ममता से खुद को पार्टी में वापस लेने का आग्रह किया है। गुहा ने अपने पत्र में यहां तक लिखा है कि जिस तरह एक मछली पानी से बाहर जिंदा नहीं रह सकती, वैसे ही मैं भी दीदी के बिना नहीं रह पाऊंगी। टीएमसी में वापसी की इच्छा जताने वाले नेताओं की सूची यहीं खत्म नहीं होती। इस सूची में सरला मुर्मू और अमोल आचार्य समेत भाजपा के कई और नेताओं के नाम बताए जा रहे हैं।
ममता ने किया खेला करने का संकेत
मुकुल रॉय के घर वापसी के बाद मीडिया के सवालों के जवाब में ममता बनर्जी ने भाजपा पर हर पार्टी को तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया। ममता बनर्जी ने कहा की भाजपा में शामिल होने वाले और भी बहुत सारे नेताओं ने टीएमसी में वापसी की इच्छा जताई है।
उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में सोच समझ कर फैसला लेंगे। जिन लोगों ने पैसा और पावर के लिए चुनावों में टीएमसी के साथ गद्दारी की है, उन्हें पार्टी में कभी भी वापस नहीं लिया जाएगा। हम सिर्फ ऐसे लोगों के नाम पर ही विचार करेंगे जिनका टीएमसी के प्रति नरम रवैया रहा है और जिन्होंने पार्टी के साथ कोई गद्दारी नहीं की है।
भाजपा के लिए दुर्ग सहेजना मुश्किल
सियासी जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी का यह बयान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पश्चिम बंगाल की सियासत में अभी ममता का खेला खत्म नहीं हुआ है। ममता आने वाले दिनों में भाजपा को और भी झटके देंगी। यही कारण है कि भाजपा नेता अपना दुर्ग सहेजने की कोशिश में जुट गए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा नेताओं को इस काम में कहां तक कामयाबी मिल पाती है।