क्या है सीबीआई को दी जाने वाली आम सहमति

सीबीआई दरअसल दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 द्वारा शासित होती है। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 6 के अंतर्गत सीबीआई को आम सहमति का प्रावधान है।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-03-04 17:04 IST

सीबीआई (फोटो:सोशल मीडिया)

CBI: मेघालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को दी सामान्य सहमति वापस ले ली है। 2018 के बाद ऐसा करने वाला मेघालय नौवां राज्य है। राज्य में कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी की सरकार है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सहयोगी होने के बावजूद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। अभी तक केवल विपक्ष पार्टियों की सरकारों वाले राज्यों ने ही सीबीआई से सामान्य सहमति वापस ली थी। जिन नौ राज्यों ने सामान्य सहमति वापस ली है, उनमें अब भी सीबीआई पुराने मामलों की जांच जारी रख सकती है। साथ ही देश में किसी दूसरी जगह दर्ज हुए मामले के सिलसिले में इन राज्यों में तैनात केंद्रीय कर्मचारी सीबीआई के क्षेत्राधिकार में आते हैं।

क्या है आम सहमति

सीबीआई दरअसल दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 द्वारा शासित होती है। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 6 के अंतर्गत सीबीआई को आम सहमति का प्रावधान है। आम सहमति दो प्रकार की होती है - स्पेसिफिक और जनरल। सभी राज्य सरकारों ने अपने राज्य में कार्रवाई के लिए सीबीआई को जनरल कंसेंट यानी आम सहमती दे रखी है। इसके जरिए सीबीआई किसी भी मामले में जांच के लिए बगैर किसी अनुमति के संबंधित मामलों में छापेमारी और गिरफ्तारी कर सकती है। अब जिन राज्यों ने जनरल कंसेंट वापस ले लिया है वहां सीबीई को उस राज्य में कार्रवाई के लिए पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होती है।

सीबीआई (फोटो:सोशल मीडिया)

आंध्र ने की थी शुरुआत

आम सहमति की वापसी की शुरुआत आंध्र प्रदेश की तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने की थी। उन्होंने 8 नवंबर 2018 को राज्य में सीबीआई को छापा मारने या किसी मामले में जांच करने की सामान्य सहमति वापस ले ली। हालांकि आंध्र में जगन सरकार आने के बाद इस फैसले को पलट दिया गया।

चंद्रबाबू नायडू के फैसले के हफ्ते भर के अंदर ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सीबीआई को जांच करने की दी गई सहमति वापस ले ली। पश्चिम बंगाल ने 1989 में राज्य में सीबीआई जांच को जनरल कंसेंट दिया था।

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 10 जनवरी, 2019 को सीबीआई को राज्य में जांच के लिए दी गयी जनरल कंसेंट वापस ले ली। बंगाल, छत्तीसगढ़ के बाद महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार ने आदेश पारित कर कहा कि अब सीबीआई राज्य सरकार या किसी उच्च न्यायिक संस्था (हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट) से अनुमति लेने के बाद ही राज्य में किसी प्रकार की जांच कर पाएगी। वहीं राजस्थान में 20 जुलाई, 2020 को सरकार ने सीबीआई को राज्य में जांच और छापेमारी की दी गई अनुमति वापस ले ली।

सीबीआई को दी गई आम सहमति को मेघालय समेत अब तक 9 राज्य वापस ले चुके हैं। अब इन राज्यों में केस की जांच के लिए राज्य सरकारों की इजाजत लेनी पड़ती है।

केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अनुसार महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पंजाब, मिजोरम, झारखंड और राजस्थान जैसे 8 राज्यों ने सीबीआई पर रोक लगाई है। अब मेघालय ने भी यही आदेश जरी कर दिया है।

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