डॉ. गुलेरिया का बड़ा खुलासाः भारत में कब आएगा कोरोना पीक, दी ये डेट

देश में फैले कोरोना संक्रमण से लोगों का बुरा हाल हैं । इसी बीच नई दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्ट रणदीप गुलेरिया ने कोरोना संक्रमण से जुड़े कई सवालों का जवाब दिया।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Monika
Update: 2021-05-04 17:28 GMT

एक कांफ्रेंस के दौरान एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ( फाइल फोटो: सोशल मीडिया) 

नई दिल्ली: देश में फैले कोरोना संक्रमण (coronavirus) से लोगों का बुरा हाल हैं । जिससे हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। आए दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की खबर सामने आ रही हैं । जिसे देख कर लगता नहीं कि ये जल्दी थमने वाला है । लोगों के मन में भी कई सवाल आने अलग हैं की कोरोना का कहर कब खत्म होने वाला है? कब तक कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला चलता रहेगा? इन सभी सवालों के बीच नई दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्ट रणदीप गुलेरिया (Direct Randeep Guleria) ने एक इंटरव्यू में इन सभी सवालों का जवाब दिया है ।

डॉ. गुलेरिया ने बताया कि भारत एक बड़ा देश है, इसलिए यहां अलग-अलग समय पर कोरोना का पीक आएगा । पश्चिम भारत में कोरोना के केस बढ़ने के बाद कुछ हद तक कम होने शुरू हो गए हैं । उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लगता है कि कोरोना यहां पीक पर आ चुका है ।

वहीं डॉ. गुलेरिया ने बताया कि राजधानी दिल्ली या आस-पास के राज्यों में कोरोना को पीक पर आने में अभी थोड़ा समय और लगेगा । शायद इस महीने के मध्य तक । हालांकि, यह भी निर्भर करता है कि कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए कितने सही कदम उठाए गए ।

असम और बंगाल अब तेजी से बढ़ रहे केस 

उन्होंने बताया कि असम और बंगाल जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं, जो की चिंता का विषय है । कोरोना का खतरा हर जगह अलग-अलग समय पर बढ़ेगा, लेकिन डॉ. गुलेरिया ने बताया कि अगर इसे लेकर सतर्कता बरती जाए तो इस महीने का आखिर तक संक्रमितों की संख्या कम हो सकती है ।

वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए क्या तीसरी लहर आने का भी खतरा है? इसके लिए क्या ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करना जरूरी है? इस सवाल के जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा, बिल्कुल, कोरोना की तीसरी लहर का भी खतरा हो सकता है । अगर हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने में कामयाब होते हैं तो तीसरी लहर मौजूद लहर जितनी खतरनाक साबित नहीं होगी ।

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