तय समय से एक दिन पहले ही लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, शीत सत्र में दो मुद्दों को लेकर लगातार हंगामा

संसद में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग और राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्ष ने शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार हंगामा किया।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-12-22 07:04 GMT

Rajya Sabha Election 

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र तय समय से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 29 नवंबर से शुरू होने वाला संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक चलने वाला था मगर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में लगातार हंगामे के कारण एक दिन पहले ही दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों में लगातार हंगामा होने के कारण सत्र को समय से पहले स्थगित करने का फैसला किया गया।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग और राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्ष ने शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार हंगामा किया। इस कारण सरकार ने तय समय से पहले ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया।

निलंबित सांसदों के साथ ब्रायन का धरना

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने बुधवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष व राज्यसभा से निलंबित 12 सांसदों के साथ धरना दिया। ब्रायन को मंगलवार को रूल बुक फाड़कर आसन की ओर फेंकने के कारण सदन की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 12 सांसदों को सदन में अशोभनीय आचरण के लिए सदन की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सदन में लगातार हंगामा जारी रखा।

निलंबित सांसदों ने इस कदम के खिलाफ संसद परिसर में लगातार धरना भी दिया मगर सदन के सभापति वेंकैया नायडू इन सांसदों का निलंबन रद्द करने के लिए तैयार नहीं हुए। विपक्षी सांसदों की ओर से मंगलवार को भी विजय चौक तक मार्च निकाला गया था।

इस दौरान मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने टेनी को मंत्री पद से बर्खास्त करने और सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग की थी। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर माफी मांगने को तैयार नहीं था। दोनों पक्षों के अपने रुख पर अड़े रहने के कारण आखिरकार सांसदों का निलंबन रद्द नहीं हुआ।

हंगामे के बावजूद महत्वपूर्ण बिल पास

दोनों सदनों में विपक्ष के लगातार हंगामे के बावजूद सरकार कुछ महत्वपूर्ण बिल पास कराने में कामयाब रही। वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण बिल मंगलवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। विपक्ष की ओर से इस बिल का प्रबल विरोध किया गया मगर सरकार इसे पारित कराने में कामयाब रही।

इस बिल का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने रूलबुक आसन की ओर उछाल दी थी जिसके बाद उन्हें सदन की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा चुनाव कानून संशोधन विधेयक को भी संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया। इस बिल का भी सदन में विपक्ष की ओर से भारी विरोध किया गया था।

बेटियों की शादी संबंधी बिल अब बजट सत्र में
Betiyon Ki Shadi Sambandhi Bill

बेटियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने से जुड़ा से जुड़े कानून के लिए अब संसद के बजट सत्र तक प्रतीक्षा करनी होगी। सरकार ने इससे जुड़े बाल विवाह निषेध संशोधन बिल को लोकसभा में पेश किया था मगर बाद में इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने की सिफारिश की गई।

बिल पेश किए जाने के दौरान सदन में सरकार और विपक्ष के सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। विपक्ष ने एकजुट होकर इस बिल का विरोध किया और इसे असंवैधानिक बताने के साथ ही विभिन्न धर्मों के निजी मामलों में हस्तक्षेप भी बताया।

विपक्ष का कहना था कि बिल पेश करने से पहले सरकार ने इस संबंध में सभी पक्षों से कोई चर्चा नहीं की। अब संसद की स्थायी समिति इस बिल पर विचार करेगी जिसके बाद इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

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