Covid 19: कोरोना के XE वेरियंट की आहट, सावधानी बरतनी जरूरी
XE Variant of Corona: भारत में कोरोना के मामले लगातार घट रहे हैं, और अब दो साल से अधिक समय में अपने सबसे निचले स्तर पर हैं।;
कोरोना के एक्स ई वेरियंट (फोटो-सोशल मीडिया)
XE Variant of Corona: कोरोना वायरस के ओमीक्रान वेरियंट का एक उप-संस्करण है 'एक्सई', जिसकी आहट अब भारत में मिलने का ख़तरा दिख रहा है। मुम्बई में XE के एक संदिग्ध मरीज का पता चलने से भारत में संक्रमण की एक नई लहर की संभावना के बारे में चिंता जताई गयी है।
भारत में कोरोना के मामले लगातार घट रहे हैं, और अब दो साल से अधिक समय में अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। दरअसल, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बताया है कि दक्षिण अफ्रीका से होकर आई 50 वर्षीय महिला कोरोना वायरस के नए XE वेरियंट से संक्रमित हो सकती है।
कोरोनावायरस का एक्सई वेरिएंट है क्या
कोरोना वायरस का ओमीक्रान वेरियंट इस वर्ष पाए गए 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है। इसी वेरियंट के दो प्रमुख सब वेरियंट हैं जिन्हें बीए1 और बीए2 कहा जाता है। एक बीए3 सब वेरियंट भी है, लेकिन यह कम आम है। प्रारंभिक चरण के दौरान ओमीक्रान का बीए1 सब वेरियंट सबसे व्यापक था। हालाँकि भारत में महामारी की तीसरी लहर के दौरान सबसे प्रभावशाली बीए२ सब वेरियंट रहा था।
बीए२ को बीए1 की तुलना में थोड़ा ज्यादा संक्रामक पाया गया, हालांकि यह अधिक खतरनाक नहीं था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में, बीए.2 किस्म दुनिया भर में सबसे व्यापक हो गई है, जो पिछले एक महीने में सभी ओमीक्रान संक्रमणों का लगभग 94 प्रतिशत है। बीए 1 किस्म का प्रकोप तेजी से घट रहा है।
एक्सई वैरिएंट को 'पुनः संयोजक' कहा जाता है। इसका मतलब है कि इसमें बीए 1 के साथ-साथ बीए २ किस्मों में पाए जाने वाले म्यूटेशन शामिल हैं। यह पहली बार जनवरी में यूनाइटेड किंगडम में खोजा गया था, और अब तक विभिन्न देशों में एक्सई के 600 से अधिक नमूने मिल चुके हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, पुनः संयोजक वेरिएंट असामान्य नहीं हैं। ऐसे वेरिएंट जिनमें दो या दो से अधिक ज्ञात वेरिएंट की म्यूटेशन विशेषताएँ होती हैं, वे हर समय होते रहते हैं। वास्तव में, डेल्टा और ओमीक्रान के विशिष्ट उत्परिवर्तन वाले वेरिएंट की भी पहचान की गई है।
वायरस और अन्य जीवों में आनुवंशिक उत्परिवर्तन की म्यूटेशन प्रक्रिया लगातार होती रहती है। लेकिन इन उत्परिवर्तनों का केवल एक छोटा सा अंश ही वायरस को संक्रमित करने या गंभीर बीमारियों का कारण बनने की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बदल देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दुनिया भर में ट्रांसमिशन के वर्तमान उच्च स्तर को देखते हुए, यह संभावना है कि पुनः संयोजक सहित आगे के वेरियंट उभर कर आएंगे। कोरोना वायरस के बीच पुनर्संयोजन आम है और इसे एक अपेक्षित उत्परिवर्तनीय घटना माना जाता है।
XE से कितना खतरा
अभी तक यह पता नहीं चला है कि XE संस्करण ओमीक्रान की अन्य किस्मों से कितना अलग है। यानी XE से कितना ख़तरा है, इसका कोई साक्ष्य अभी नहीं मिला है। एक अनुमान है कि ओमीक्रान के बीए २ की तुलना में एक्सई लगभग 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक हो सकता है। लेकिन इसकी भी अभी पुष्टि नहीं हुई है। तथ्य यह है कि तीन महीने पहले इसकी खोज के बाद से एक्सई संस्करण की घटनाओं में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है, यह दर्शाता है कि वर्तमान में यह एक बड़ी चिंता नहीं हो सकती है।
एक्सई वैरिएंट से संक्रमित हुए लोगों में कोई लक्षण बीए १ या बीए २ से अलग नहीं पाए गए हैं। यह अब तक अन्य ओमीक्रान किस्मों की तुलना में बीमारी के अधिक गंभीर रूप का कारण नहीं पाया गया है। ऐसे में एक्सई वेरियंट को ओमीक्रान से अलग नहीं माना जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जब तक किसी महत्वपूर्ण अंतर की जानकारी नहीं मिलती है तब तक एक्सई को ओमीक्रान वेरियंट से संबंधित ही कहा जाएगा।
भारत की स्थिति
एक्सई वेरियंट अगर भारत में पाया जाता है तो कोई हैरत की बात नहीं होनी चाहिए। इसकी वजह ये है कि यात्रा प्रतिबंधों को ज्यादातर खत्म कर दिया गया है, और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा लगभग उसी स्थिति में वापस आ गई है जहां महामारी से पहले की अवधि में थी।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय आबादी के भीतर एक्सई या ओमीक्रान के किसी अन्य पुनः संयोजक किस्म के विकसित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह भी संभव है कि एक्सई वैरिएंट पहले से ही भारतीय आबादी में घूम रहा हो, लेकिन अभी इसका पता नहीं चल पाया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ एक्सई वेरियंट का पता चलने भर से देश में कोरोना की एक नई लहर की आशंका नहीं है। अभी तक, यह ओमीक्रान वेरिएंट से बहुत अलग नहीं है। जब तक यह संक्रमित करने, प्रतिरक्षा को बायपास करने या बीमारी के अधिक गंभीर रूप का कारण बनने के लिए विशेष क्षमता विकसित नहीं करता है, तब तक भारतीय आबादी के लिए एक्सई संस्करण से खतरा काफी कम है।
दूसरी ओर ये भी एक फैक्ट है कि भारत में संक्रमण की एक नई लहर को कभी भी खारिज नहीं किया जा सकता है। क्योंकि कोरोना वायरस अभी समाप्त नहीं हुआ है ये लगातार म्यूटेट भी हो रहा है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इम्यूनिटी को बायपास करने और ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बनने वाले किसी नए वेरियंट के सामने आने की स्थिति फिलहाल अभी नजर नहीं आ रही है। देश में लगातार मामले घट रहे हैं और एक्टिव मामलों की संख्या भी बहुत कम हो गए हैं।
इसका मुख्य कारण यह है कि भारतीय आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा, लगभग 40 से 50 प्रतिशत, हाल ही में ओमीक्रान से संक्रमित हुआ है। उस संक्रमण से हासिल हुई प्रतिरक्षा के अभी भी प्रभावी होने की संभावना है। एक ही वेरियंट से पुन: भी बहुत आम भी नहीं है। निकट भविष्य में एक नई लहर आती है, तो सबसे अधिक संभावना एक नए संस्करण के कारण होगी।