बेटा मांग रहा था जूते, मां को नहीं मिले बैंक से पैसे, उदास होकर बेटे ने लगा दी फांसी

किशोर दिलशाद कई दिनों से अपनी मां से जूतों की जिद कर रहा था। मां सितारा कई दिनों तक घंटों बैंक की लाइन में लगी भी, लेकिन रुपये नहीं मिल पाए। रुपये न मिलने और जूते न खरीद पाने की वजह से किशोर दिलशाद दुखी था।

Update: 2016-12-18 07:41 GMT

बागपत: नोटबन्दी को एक महीने से ऊपर हो चुका है लेकिन कैश की किल्लत दूर होने का नाम नही ले रही है। न कैश मिल रहा है और न मौतों का सिलसिला थम रहा है। नोटबंदी की वजह से एक और किशोर ने आत्महत्या कर ली। किशोर को जूते खरीदने थे। मां बैंक की लाइन में लगी भी, लेकिन कैश नहीं मिला और किशोर ने फांसी लगा ली।

CASH की किल्लत ने ली एक और जान, फंदा लगा कर किशोर ने किया SUICIDE

कैश की किल्लत ने ली जान

-घटना बागपत के थाना खेकड़ा के तहत रटौल गांव की है।

-किशोर दिलशाद कई दिनों से अपनी मां से जूतों की जिद कर रहा था।

-मां सितारा कई दिनों तक घंटों बैंक की लाइन में लगी भी, लेकिन रुपये नहीं मिल पाए।

-रुपये न मिलने और जूते न खरीद पाने की वजह से किशोर दिलशाद दुखी था।

-मृतक किशोर सात बहनों के बीच इकलौता भाई था। उसकी मौत से परिवार में कोहराम मच गया।

लगा ली फांसी

-गांव वालों के अनुसार मां सितारा हर दिन 2000 का चेक लेकर बैंक जाती थी।

-लेकिन या तो सितारा का नंबर ही नहीं आता था, या नंबर आया तो कैश खत्म होने की बात कही गई।

-शनिवार को मां सितारा के साथ फिर वही कहानी दोहराई गई, इससे नाराज बेटे ने खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगा ली।

आगे की स्लाइड्स में घटना से जुड़े कुछ और फोटोज...

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