हॉस्पिटल सील होने के बाद सरकारी डॉक्टर को नौकरी देने का दावा ठोक रहा मालिक

Update: 2018-01-06 16:28 GMT

लखनऊ : खबर पढ़ने से पहले जरा इसे पढ़ लें! मेरा नाम राजकिशोर है और मैं साईं हॉस्पीटल का मालिक बोल रहा हूं। मैं लिखकर दे रहा हूं कि मेरे अस्पताल में सरकारी डॉ अजीत को नौकरी पर रखा हूं। उन्नाव में तैनात यह चिकित्सक रोजाना मेरे निजी अस्पताल में मरीजों को देखता है तथा इसको मैं एक महीने का 30 हजार रुपया मेहनताना देता हूं।

आपको कुछ-कुछ मामला समझ में आ ही गया होगा। फिलहाल अब हम आपको बताते हैं पूरा मामला...

आपने जो कुछ भी ऊपर पढ़ा वो महज अल्फाज नहीं है बल्कि यूपी का सच है। ये उस व्यक्ति की जुबानी है। जिसका अस्पताल 6 जनवरी की शाम को सील हुआ है। हम बात कर रहे हैं साईं हॉस्पिटल की जिसे बिना पंजीकरण के चलते पाया गया और उसे सील किया गया है

यह हॉस्पिटल मोहनलालगंज में धड़ल्ले से चल रहा था। शिकायत पर पहुंची सीएमओ की टीम ने बिना पंजीकरण के चल रहे साईं हॉस्पिटल को सील किया है। हॉस्पिटल के मालिक राजकिशोर ने एसीएमओ को लिखकर दिया है कि उनके यहां सरकारी डॉक्टर काम करता है और उसको महीने की सैलरी भी देते हैं।

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कैसे हुआ सील

सूचना मिलने पर एसीएमओ डॉ एसके रावत और डॉ राजेंद्र चौधरी शाम 6 बजे साईं हॉस्पिटल पहुंचे। मौके पर परिसर में कोई भी चिकित्सक नहीं था। केवल एक वॉर्ड ब्वाय और 4 मरीज हॉस्पिटल में थे। जरूरी निरीक्षण के बाद दो मरीजों को डिस्चार्ज किया गया और दो मरीजों को सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया।

डॉ एसके रावत, एसीएमओ ने बताया हॉस्पिटल सील करने के बाद अस्पताल के मालिक ने लिखकर दिया है कि उसके यहां सरकारी चिकित्सक काम करता है। यह अस्पताल सीएमओ कार्यालय में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था। सूचना मिलने पर हम लोग पहुंचे और निरीक्षण में अस्पताल प्रशासन ने पंजीकरण संबंधित कोई भी कागजात नहीं दिखा सके। अस्पताल को सील कर दिया गया है।

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