बुखार से तड़प रहा था मरीज, गोदी में उठाकर इलाज को ले गए परिजन

Update: 2018-06-25 09:02 GMT

शाहजहांपुर : योगी राज में प्रदेश के जिला अस्पताल की हकीकत क्या है। ये आज यूपी के शाहजहांपुर के एक जिला अस्पताल में तब देखने को मिला जब ट्रामा सेंटर में एक मरीज को उसके परिजन गोदी में उठाकर डॉक्टर के पास ले गए।

एक घंटा इलाज के इंतजार के बाद परिजन मरीज को लेकर डॉक्टर के केबिन में उनके टेबिल पर लिटाने लगे तो फार्मासिस्ट का पारा इतना चढ़ गया कि उसने अपनी कुर्सी छोड़ दी और परिजन पर चिल्लाते हुए बोला कि मेरी कुर्सी पर बैठा दो।

इसके बाद भी मरीज को स्ट्रेचर नही मिला और मरीज को आखिरकार जमीन पर लिटाया और उसका इलाज किया गया। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही एक मरीज को इसी अस्पताल से धक्का देकर और मारपीट करके ट्रामा सेंटर से बाहर निकाल दिया था।

दरअसल, मामला जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर का है। थाना निगोही के ग्राम ढकिया तिवारी निवासी 60 वर्षिए रामेश्वर दयाल को दो दिन पहले बुखार आया था। दवा लेने पर फायदा न होने पर परिजन आज बुजुर्ग रामेश्वर दयाल ट्रामा सेंटर लाए। लेकिन यहां उनको इलाज तो दूर की बात उनको एक स्ट्रेचर और इलाज करने के लिए जगह तक नसीब नही हो पा रही थी।

मरीज की हालत ज्यादा खराब थी उसके बाद भी एक घंटे तक मरीज की डॉक्टर नैपाल सिंह ने सुध नही ली। आखिरकार मरीज के तीमारदारों का गुस्सा फूटा और वह बुजुर्ग मरीज दोनों हाथ और दोनों पैर पकड़कर डॉक्टर के केबिन मे ले गए। जहां तीमारदार मरीज को डाक्टर की टेबिल पर लिटाने लगे। ये देखकर फार्मासिस्ट का पारा हाई हो गया और फार्मासिस्ट ने मरीज को अपनी कुर्सी पर बैठाने के लिए कहे दिया। और तीमारदार भी मरीज को कुर्स पपर बैठाने लगे। लेकिन उसके बाद फार्मासिस्ट ने मरीज को केबिन से भगा दिया और केबिन के बाहर मरीज को जमीन पर लिटाया।

उसके बाद जब मीडियाकर्मियों ने वीडियो बनाया उसके बाद ही मरीज का जमीन मे इलाज नसीब हो सका। परिजनों का आरोप है कि उनको स्ट्रेचर नही दिया गया और न ही मरीज को लिटाने के लिए जगह दी गई। एक घंटे तक मरीज को देखा तक नही गया।

वहीँ डॉक्टर नेपाल सिंह का कहना है कि तीन मंजिल तक वार्ड ब्वाय और स्वीपर मरीज को लेकर जाते हैं इसलिए उनको आने मे देर हो जाती है। हमने बेड न होने की बात सीएमएस से बोल दी है। वह व्यवस्था करवा रहे हैं।

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