योगीराज में खाकी वर्दी दिखा रही दबंगई, पड़ोसी पार्क-मंदिरों में रहने को मजबूर

Update:2017-07-24 15:47 IST

कानपुर: योगी राज में खाकी के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह कभी थाने में नाबालिग से रेप करते हैं, तो कभी खाकीधारी वर्दी के रौब में पड़ोसियों का जीना हराम कर देते हैं। कानपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक दरोगा व उसका बेटा पड़ोस में रहने वाले परिवार पर टूटा है।

पीड़ित का परिवार इतना खौफ में है कि वह घर पर ताला लगाकर कभी रिश्तेदारों तो कभी पार्क व मंदिरों में दिन काट रहा है। दरोगा के बेटे ने पीड़ित को चौकी में लात-घूंसों से पीटा। इसके बाद उनके बेटों व पत्नी को घर में बंद करके मारा। दरोगा अब दबाव बना रहा है कि मुझे कुछ रुपए लेलो और यह मकान मुझे बेच कर यहां से भाग जाओ वरना तुम्हारे दोनों बेटों को लूट व चोरी के मामले में जेल भिजवा देंगे।

ऐसी है पीड़ित परिवार की कहानी

नौबस्ता थाना क्षेत्र के योगेन्द्र विहार में रहने वाले भरत द्विवेदी (40) जनरेटर ऑपरेटर का काम करते हैं। परिवार में पत्नी मंजू बड़ा बेटा अजय (17) स्कूल का छात्र है और छोटा बेटा रतन 8वीं का छात्र है। जीविका चलाने के लिए मंजू एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं। इन्हीं के पड़ोस में दरोगा राजेश पाण्डेय रहते हैं।

वह झांसी में तैनात हैं। दरोगा के दोनों बेटे सौरभ और पवन अपने आप को किसी दरोगा से कम नहीं समझते हैं। पूरे मोहल्ले में इनका खौफ है। किसी की भी हिम्मत नहीं कोई इनके खिलाफ आवाज उठा सके।

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भरत द्विवेदी के मुताबिक बीते 18 जुलाई को मैं ड्यूटी गया था। पत्नी स्कूल पढ़ाने गई थी और दोनों बेटे स्कूल गए थे। जब बच्चे और पत्नी स्कूल से घर वापस लौटे तो उन्होंने देखा कि हमारे घर की नींव किसी ने खोद दी थी। मोहल्ले के लोगों से पता चला कि यह नींव खोदने का काम दरोगा के बेटे सौरभ व उसके साथियों ने किया है। हमने उनकी इन हरकतों का विरोध किया। इस बात पर सौरभ व उसके साथियों ने घर में घुस कर बंद करके पूरे परिवार को पीटा। सौरभ ने सार्वजानिक माफ़ी मांगने को कहा तो 19 तारीख को हमने पूरे मोहल्ले के सामने हाथ जोड़ कर व पैर छू कर माफ़ी भी मांगी।

भरत ने बताया कि इसके बाद जब मैं अगले दिन साइकिल से ड्यूटी जा रहा था तो बर्रा बाईपास के पास यादव मार्केट चौकी बनी है। सौरभ ने मुझे वहां पर रोका और चौकी के अंदर ले गए जहा पर कई सिपाही थी। सभी ने मिलकर मुझे चौकी के अंदर पीटा। सौरभ ने बेल्टों से मारा। इसके बाद मुझे वहां से भगा दिया। दरोगा राकेश पाण्डेय ने थाने में फोन कर दिया कि कोई भी मेरा पक्ष नहीं लेगा।

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इसका घटना के बाद मैं थाने गया, सीओ कार्यालय गया और एसपी के पास भी गया, लेकिन मेरी कही भी सुनवाई नहीं हुई। दरोगा व उसका बेटा कहने लगे, तुम ज्यादा अधिकारियो के पास जा रहे हो, तुम्हारे दोनों बेटो को लूट के मामले में जेल भिजवा दूंगा और तेरी भी जिंदगी बर्बाद कर दूंगा। तुम लोग अपनी खैरियत चाहते हो तो 10 लाख रुपए लो और यह मकान मुझे बेच कर यहां से भाग जाओ।

बीते 20 जुलाई को मेरे पूरे परिवार के साथ फिर गाली-गलौज की। हम लोगों ने डर की वजह से अपना घर बंद कर लिया। अगले ही दिन सुबह जल्दी हमने पूरे परिवार के साथ घर छोड़ दिया। हमारी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। घर जाते हैं तो पीटे जाते हैं, अब हम जाएं तो कहां जाएं? पार्क व मंदिरों में पूरे परिवार के साथ समय काट रहे हैं।

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मंजू ने बताया कि हमारे यह बच्चे अभी पढ़ लिख रहे हैं। कहीं इनको किसी झूठे मामले में फंसा दिया तो इनकी तो जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। रो-रो कर जिंदगी काट रहे हैं। हमारे पास जो रुपए थे, वह भी ख़त्म हो गए। यदि कोई कुछ खाने को दे दे तो वही खा लेते हैं। अजय व पवन के मुताबिक हम लोगों को घर जाने में डर लगता है। जब जाते है सौरभ व उसके साथी नशे की हालत में गाली-गलौज करते हैं। इसके बाद घर पर पथराव करके भाग जाते हैं। हमारी जान को भी वहां पर खतरा है, जब तक हमें सुरक्षा नहीं दी जाएगी, हम लोग घर नहीं जाएंगे।

सीओ गोविन्द नगर जनार्दन द्विवेदी के मुताबिक यह विवाद मिटटी डालने को लेकर हुआ था। भरत द्विवेदी की तरफ से प्रार्थना पत्र मिला था। पूरे प्रकरण की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

आगे की स्लाइड में देखिए इस मजबूर परिवार की दर्द भरी तस्वीरें

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