श्रवण साहू हत्याकांड: हाईकोर्ट ने दो माह में मांगी स्टेटस रिपोर्ट, सीबीआई कर रही है जांच

न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले में पुलिसवालों की संलिप्तता की जांच भी करने को कहा है। इसके साथ ही जान के खतरे के बावजूद भी श्रवण साहू को समुचित सुरक्षा न दिये जाने के वजहों के भी जांच करने के आदेश दिए गए हैं।

Update: 2017-04-17 17:09 GMT
21 और 22 फरवरी को अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में नहीं होगा प्रतिकूल आदेश 

लखनऊ: हाईकोर्ट ने श्रवण साहू हत्याकांड की अग्रिम सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में किये जाने के निर्देश दिये हैं। इससे पहले सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि श्रवण साहू हत्याकांड की जांच शुरू की जा चुकी है और जांच की स्टेटस रिपोर्ट देने में उसे दो महीने का समय लगेगा।

यह आदेश जस्टिस ए पी साही और जस्टिस संजय हरकौली की खंडपीठ ने वी द पीपल संस्था की याचिका पर दिए।

कोर्ट सख्त

सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने आईजी (स्थापना) वितुल कुमार का हलफनामा पेश किया। जिसमें कहा गया है कि आरआई लाइन शिशुपाल सिंह का पीएसी में प्लाटून कमांडर के तौर पर तबादला हो चुका है। जहां तक उनके निलम्बन आदेश अथवा निलम्बन आदेश को वापस लेने के निर्णय का प्रश्न है, यह एसएसपी लखनऊ के द्वारा किया गया है।

उल्लेखनीय है कि उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले में पुलिसवालों की संलिप्तता की जांच भी करने को कहा है। इसके साथ ही जान के खतरे के बावजूद भी श्रवण साहू को समुचित सुरक्षा न दिये जाने के वजहों के भी जांच करने के आदेश दिए गए हैं।

न्यायालय इस हत्याकांड को दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में करार दे चुका है। मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में स्थानीय पुलिस की संलिप्तता सामने आई है इसलिए भी इसकी जांच सीबीआई से कराना अनिवार्य है।

एक फरवरी को बाजारखाला क्षेत्र में व्यापारी श्रवण साहू की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। वह अपने बेटे के मर्डर केस में अहम गवाह थे।

आगे स्लाइड में जानिये खनन को लेकर कोर्ट ने क्या कहा...

खनन पर जवाब तलब

एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से खनन के सम्बंध में नीतिगत निर्णय पर विस्तृत जवाब तलब किया है। जस्टिस ए पी साही और जस्टिस संजय हरकौली की खंडपीठ ने यह आदेश अमिताभ सिंह की जनहित याचिका पर दिया।

इससे पहले कोर्ट ने 6 अप्रैल को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा था कि प्रदेश में खनन को लेकर क्या कोई नीतिगत निर्णय लिया गया है।

सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील के जवाब से संतुष्ट न होते हुए न्यायालय ने अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वह इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर न्यायालय को बताएं। मामले की अग्रिम सुनवाई मंगलवार को होगी।

Tags:    

Similar News