दिवाली पर नक्सलियों की साजिश नाकाम, ATS ने बताया- क्यों नोएडा को बनाया बेसकैंप

यूपी एटीएस ने नोएडा के अलग अलग जगहों से शनिवार रात नौ नक्सलियों को अरेस्ट किया था। यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि एटीएस नोएडा और चंदौली पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन के बाद रविवार सुबह चंदौली जिले में कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना को भी पकड़ लिया गया है। इसकी पहचान सुनील रविदास के रूप में हुई है। इसके पास से कारतूस औरआर्मी मेड इंसास रायफल के अलावा तीन और असलहे बरामद किए गए हैं। एजेंसियां आर्मी मेड इंसास की जांच कर रही हैं। बताया गया कि यह रायफल कहीं से चोरी की गई है।

Update:2016-10-16 16:22 IST

पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपी

 

नोएडा: दीपावली पर नक्सलियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए यूपी एटीएस ने नोएडा के अलग अलग जगहों से शनिवार रात नौ नक्सलियों को अरेस्ट किया था। यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि एटीएस नोएडा और चंदौली पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन के बाद रविवार सुबह चंदौली जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरोह के दसवें सदस्य और सरगना सुनील रविदास को भी अरेस्ट कर लिया गया है। इसके पास से कारतूस औरआर्मी मेड इंसास रायफल के अलावा तीन और असलहे बरामद किए गए हैं। एजेंसियां आर्मी मेड इंसास की जांच कर रही हैं। बताया गया कि यह रायफल कहीं से चोरी की गई है।

इसलिए बनाया यूपी को ठिकाना

यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि इन नक्सलियों को सजिश को अंजाम देने के लिए पैसों की जरूरत थी। बिहार और झारखंड में पैसा कमाना इतना आसान नहीं था। इस लिहाज से इन्होंने दिल्ली से सटे नोएडा (यूपी) को अपना बेसकैंप बनाया।

सुपारी किलिंग और लूटपाट बना पैसा कमाने का जरिया

असीम अरुण के मुताबिक, ये लोग जल्द ही एटीएम लूटपाट, सुपारी किलिंग और किडनैपिंग के जरिए पैसा कमाकर साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे। इनक मुख्य टारगेट दीपावली पर घटना को अंजाम देना था। जिसको लेकर इनकी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं।

किराए पर लिए दुकान और मकान

-नक्सलियों ने सदरपुर और हिंडन विहार में दो मकान और एक दुकान किराए पर लिए थे।

-अपनी पहचान छुपाने के लिए यह प्रॉपर्टी डीलर का काम करते थे।

-मकान और दुकान से ही ये लोग साजिश को ऑपरेट करने का काम करते थे।

एसएसपी ने दिए इनपुट

-हिंडन विहार के जिस फ्लैट में ये नक्सली रह रहे थे, उसके लिए मकान मालिक को एक फर्जी आईडी दी गई।

-एक सप्ताह पहले एसएसपी धमेंद्र यादव को किसी ने संदिग्धों के बारे में जानकारी दी।

-यह सूचना एटीएस को दी गई। जिसके बाद प्लानिंग बनाकर कार्रवाई की गई।

बाहर से मंगाए जा रहे थे असलहे

असीम अरुण ने बताया कि साजिश को अंजाम देने के लिए इनके पास बड़ी संख्या में हथियार थे और कुछ बड़े असलहे बाहर से मंगावए जा रहे थे। जिसके इनपुट एटीएस के पास हैं। एटीएस आईजी असीम अरूण ने बताया कि इनके पूरे नेटवर्क को ट्रेस किया जा रहा है। एनसीआर में इनके और लोग भी छिपे हैं, जिन्हें जल्द ही अरेस्ट किया जाएगा।

जांच के लिए देश की बड़ी एजेंसियां शामिल

-इस मामले की जांच के लिए देश के इंटेलिजेंस विंग के अलावा कई अन्य एजेंसियां शामिल हो चुकी हैं।

-जो अपने स्तर से जांच कर रही है। लिहाजा ज्यादातर सूचनाएं गुप्त रखी गई हैं।

बरामदगी

जिलेटिन रॉड - 45 (प्रत्येक का वजन 02 ग्राम)

डेटोनेटर - 125

पिस्टल 32 बोर - 03

पिस्टल 9 एमएम - 01

तमंचे 315 बोर - 03

कारतूस - 11

लैपटॉप - 02

मोबाइल - 13

कैश - 75 हजार रुपए

कार - 04

बाइक - 01

ये हैं हिरासत में लिए गए 10 नक्सली

-रंजीत पासवान उर्फ संतोष पुत्र मल्लू पासवान, निवासी- चंदोली ( यूपी )

-पवन झारखंड उर्फ भाई जी पुत्र दिनेश झा, निवासी- रुद्रपुर थाना, मधुबनी (बिहार)

-सचिन कुमार पुत्र डालचंद, निवासी -दनकौर, ग्रेटर नोएडा (यूपी )

-कृष्ण कुमार राम पुत्र शिवबचन, निवासी- मुरही थाना सासाराम (बिहार)

-सूरज पुत्र तेजपाल, निवासी- फतेहाबाद (बुलंदशहर)

-आशीष सारस्वत पुत्र देवेंद्र सारस्वत, निवासी- चण्डौस अलीगढ (यूपी )

-सुनील कुमार यादव पुत्र गुप्तेश्वर सिंह, निवासी- डिलियां थाना सासाराम (बिहार)

-ब्रज किशोर तोमर उर्फ लल्लू पुत्र मनवीर सिंह, निवासी- थानपुर थाना चण्डौस अलीगढ (यूपी)

-शैलेंद्र कुमार पुत्र हीरा प्रसाद राम, निवासी- मोहल्ला चीनी मिल, बक्सर थाना (बिहार)

-सुनील रविदास

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इसी अपार्टमेंट से नक्सली गिरफ्तार किए गए

प्रेस कांफ्रेंस करते यूपी एटीएस आईजी असीम अरुण

 

 

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