15 साल के अभय ने किया कमाल, सबसे कम उम्र में क्लियर किया IIT-JEE

आमतौर पर 15 साल की उम्र में स्टूडेंट्स 10वीं की तैयारी करते हैं। लेकिन अभय अग्रवाल ने उसी उम्र में  आईआईटी में दाखिला लेने वाला सबसे कम उम्र का छात्र बन गया है। इस साल की जेईई एडवांस परीक्षा पास कर ली है।

Update: 2017-07-02 12:48 GMT

कानपुर : आमतौर पर 15 साल की उम्र में स्टूडेंट्स 10वीं की तैयारी करते हैं। लेकिन अभय अग्रवाल ने उसी उम्र में आईआईटी में दाखिला लेने वाला सबसे कम उम्र का छात्र बन गया है। इस साल की जेईई एडवांस परीक्षा पास कर ली है।

जेईई-अडवांस्ड में 2467 ऑल इंडिया रैंक हासिल करने के बाद अभय को आईआईटी-बीएचयू में सीट अलॉट की गई है। उस उम्र में अभय आईआईटी-कानपुर में दाखिले के लिए अपना दस्तावेज सत्यापित कराने पहुंचा। जेईई के एक स्टाफ का कहना है कि , 'आईआईटी में एडमिशन लेने वाला वह सबसे कम उम्र का छात्र हो सकता है। उसकी मार्कशीट के मुताबिक वह साढ़े 15 साल का है। उसका जन्म 9 नवंबर, 2001 को हुआ था।'

मकैनिकल इंजीनियरिंग में मिला दाखिला

अभय को मकैनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मिला है, लेकिन अपनी सीट की उसने पुष्टि नहीं की है। वह आईआईटी रुड़की में दाखिला लेना चाहता है इसलिए संस्थान की दी गई चॉइस में 'फ्लोट' विकल्प को चुना है। अभय ने कहा, 'चूंकि मैंने शुरुआती क्लास जंप की थी, इसलिए मैं अन्य छात्रों के मुकाबले 12वीं पहले कंप्लीट कर सका। यह मेरा भाग्य है कि मैंने जेईई अडवांस्ड भी क्लियर कर लिया। मैं आईआईटी रुड़की से पढ़ना चाहता हूं और उम्मीद है कि वहां मुझे सीट जरूर मिलेगी।'

किया नाम रोशन

उसके पिता मुकेश अग्रवाल फिरोजाबाद नगर में एक पंप अटेंडेंट के पद पर तैनात हैं। उनका कहना है कि, 'अभय ने बहुत ही कम उम्र में हमारा नाम रोशन किया। जब फिरोजाबाद के चीफ मेडिकल ऑफिसर को उसकी मेडिकल सर्टिफिकेट बनानी पड़ी तो वह काफी हैरान थे। आईआईटी कानपुर के स्टॉफ भी उसकी उम्र को जानकर हैरान थे। वह एक प्रतिभाशाली छात्र है जिसके पास काफी योग्यताएं हैं।'

सोशल मीडिया से रहा दूर

अभय ने बताया कि जब वह प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा था तो सोशल मीडिया से दूर था। उसने बताया, 'हालांकि मैंने तीन साल पहले फेसबुक अकाउंट बनाया था लेकिन मैंने 11वीं क्लास में जाने के बाद इसका इस्तेमाल बंद कर दिया। इससे पहले मैं स्मार्टफोन कभी इस्तेमाल नहीं करता था।'

रोबॉटिक्स में दिलचस्पी

अभय ने 12वीं सीबीएसई से की है जिसमें उसको 87.2 फीसदी मार्क्स मिले। दसवीं यूपी बोर्ड से 85.63 फीसदी अंक हासिल किए। शुरू से ही उसकी दिलचस्पी रोबॉटिक्स में है। अभय ने कहा, 'मैं रोबॉटिक्स संबंधित प्रॉडक्ट्स में डील करने वाली स्टार्टअप लॉन्च करना चाहता हूं। इस कारण मैं मकैनिकल इंजिनियरिंग ले रहा हूं।' अभय अपने परिवार इंजीनियर बनने वाला दूसरा सदस्य होगा। उसका बड़ा भाई एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट से बी.टेक कर रहा है। उसकी मां 12वीं पास है, जबकि पिता मुकेश आर्ट्स ग्रैजुएट हैं।

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