इलाहाबाद हाईकोर्ट: प्राइमरी स्कूल के 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती को चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से 30 जनवरी तक जानकारी तलब की है। याचिका में 9 जनवरी 2018 से शासनादेश से शुरू हुई भर्ती की प्रक्रिया को चुनौती दी गयी है।

Update: 2018-01-19 15:05 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से 30 जनवरी तक जानकारी तलब की है। याचिका में 9 जनवरी 2018 से शासनादेश से शुरू हुई भर्ती की प्रक्रिया को चुनौती दी गयी है।

यह आदेश जस्टिस एम.सी.त्रिपाठी ने आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन जितेन्द्र शाही की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि राज्य सरकार ने एक लाख 65 हजार 157 शिक्षामित्रों को सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार 10 हजार प्रतिमाह मानदेय पर नियुक्त करने का फैसला लिया है। जिन्हें अगले दो वर्ष के भीतर टीईटी योग्यता हासिल करने का अवसर दिया गया है।

इसके अलावा संसद ने अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 की धारा 23 (3) में संशोधन बिल पास कर यह व्यवस्था दी है कि 31 मार्च 15 को जो भी अप्रशिक्षित सहायक अध्यापक कार्यरत हैं, उन्हें 31 मार्च 18 तक ट्रेनिंग हासिल करने के बाद ही पद पर बने रहने का अधिकार होगा।

कहा गया कि यह संशोधन कानून सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई 17 के फैसले के बाद आया है। याची का कहना है कि 2018 की सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने की योग्यता, स्नातक, प्रशिक्षित व टीईटी पास होना अनिवार्य है। जबकि याची संस्था के सदस्य टीईटी पास नहीं है। जिन्हें केन्द्र सरकार के संशोधन कानून से योग्यता हासिल करने की छूट दी गयी है। यदि यह भर्ती की गयी तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश व संशोधन कानून की छूट अर्थहीन हो जायेगी। शिक्षामित्रों की आयु सीमा में छूट का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पायेगा। याचिका की सुनवाई 30 जनवरी को होगी।

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