BHU को आयुष पीजी कोर्स प्रवेश परीक्षा परिणाम घोषित कर प्रवेश लेने की छूट

कोर्ट ने बीएचयू द्वारा अलग से आयोजित प्रवेश परीक्षा परिणाम पर लगी रोक हटा ली है और दो हफ्ते के भीतर काउंसिलिंग कर प्रवेश की छूट दी है।

Update: 2017-10-31 20:42 GMT

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि 15 फरवरी 2017 की अधिसूचना के तहत आयुष मंत्रालय द्वारा परास्नातक कोर्स की राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी पर लागू होगी या नहीं विचारणीय है।

कोर्ट ने बीएचयू द्वारा अलग से आयोजित प्रवेश परीक्षा परिणाम पर लगी रोक हटा ली है और दो हफ्ते के भीतर काउंसिलिंग कर प्रवेश की छूट दी है। कोर्ट ने प्रवेश परीक्षा परिणाम घोषित करने का भी आदेश दिया है।

याचिका में बीएचयू को अलग से प्रवेश परीक्षा लेने से रोकने और राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा से ही प्रवेश दिए जाने की मांग की है। कोर्ट ने कहा कि 31 अक्टूबर तक प्रवेश होना है। याचिका पर विस्तृत जवाब जरूरी है। कोर्ट ने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

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यह आदेश जस्टिस तरूण अग्रवाल और जस्टिस अजय भनोट की खंडपीठ ने डॉ. प्रदीप कुमार मौर्या व अन्य की याचिका पर दिया है। बता दें कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने 17-18 सत्र के लिए प्राइवेट एसोसिएशन को प्रवेश परीक्षा लेने से रोकते हुए कॉमन प्रवेश परीक्षा लेने का निर्णय लिया और अधिसूचना जारी कर राज्य सरकारों का पालन करने का निर्देश दिया गया।

अधिसूचना अखिल भारतीय आयुष संस्थान ने जारी की और 21 जून 2017 को विज्ञापन निकाला। बीएचयू ने 25 जून 2017 को प्रवेश विज्ञापन निकाला। 31 जुलाई 2017 को कोर्ट ने बीएचयू को प्रवेश परीक्षा परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी। बीएचयू का कहना है कि वह राष्ट्रीय महत्व का केंद्रीय विश्वविद्यालय है उसे अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का अधिकार है। आयुष मंत्रालय की अधिसूचना में प्राइवेट संस्थान और राज्य विश्वविद्यालयों पर रोक लगाने को कहा गया है। बीएचयू इस श्रेणी में नहीं आता है।

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