BBAU Admission 2022: 19 हजार से अधिक कैंडीडेटस ने किया आवेदन

BBAU Admission 2022: प्रवेश के लिए आवेदन की आखिरी तिथि 30 सितंबर 2022 है। इच्छुक उम्मीदवार पंजीकरण के लिए bbaucuet.samarth.edu.in लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

Written By :  Durgesh Sharma
Update:2022-09-28 21:07 IST

BBAU Admission 2022 More than 19 thousand candidates applied in Babasaheb Bhimrao Ambedkar University (Social Media)

BBAU Admission 2022: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा इस वर्ष स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है। सीयूईटी के स्कोर कार्ड के आधार पर विद्यार्थी अपने विषय मे दाखिल लेने के लिए सीट लॉक कर पंजीकरण कर सकते हैं। विवि में स्नातक कोर्स के लिए कुल 1,095 उपलब्ध सीटों पर अब तक कुल 19,451 विद्यार्थी दाखिले के लिए आवेदन कर चुके हैं।

प्रवेश के लिए आवेदन की आखिरी तिथि 30 सितंबर 2022 है। इच्छुक उम्मीदवार पंजीकरण के लिए bbaucuet.samarth.edu.in लिंक पर जाकर अपने कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। विद्यार्थियों को पंजीकरण पोर्टल पर अपना कोर्स लॉक करना अनिवार्य होगा।

साइबर फोरेंसिक एन्ड इथिकल हैकिंग : बीबीएयू में आयोजित हुआ एक दिवसीय सेमिनार

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के आईटी विभाग ने आईसीएसएस के संयोजन में आज दिनाँक 28 सितंबर 2022 को "साइबर फोरेंसिक एंड एथिकल हैकिंग" विषय पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह व विशिष्ट अतिथि के रूप में आईसीएसएस के अध्यक्ष डॉ. आर.एस.नेहरा शामिल हुए। सेमिनार में आये अतिथियों का स्वागत डॉ.अमित कुमार सिंह ने किया।


इस अवसर पर विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने अपनी शुभकामनायें दी और साथ ही छात्रों को साइबर अपराध के प्रति सजग रहने व अन्य लोगों को जागरूक करने की बात कही। सूचना प्राद्योगिकी के विभागाध्यक्ष डॉ.धीरेन्द्र पाण्डेय ने साइबर क्राइम व डिजिटल फोरेंसिक के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। यूआईईटी के निदेशक प्रो0 आर.ए. खान ने अपने वक्तव्य से छात्रों का उत्साहवर्धन किया।

1930 डायल करके रोक सकते हैं पैसे - एसपी साइबर क्राइम

एसपी साइबर क्राइम डॉ.त्रिवेणी सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे लोगों के ऑनलाइन फ्राड के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि अगर किसी के साथ बैंकिंग फ्रॉड या डिजिटल फ्रॉड किया जाता हैं तो वे 24 घण्टे के अंदर 1930 डायल करके अपने पैसे को वहीं रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति साइबर अपराध करता है, उस अपराधी की पूरी डिटेल्स कुछ ही घंटों में इकठ्ठी हो जाती हैं।

उन्होंने कहा कि अब साइबर अपराधी मोबइल के आईईएमआई नंबर व कंप्यूटर के मैक एड्रेस तक बदल देता है। उन्होंने यह भी बताया कि अब 10 सेकंड के वीडियो क्लिप्स से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा घंटों भर की वीडियो बना ली जाती है।


कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ.आर.एस. नेहरा ने आईसीएसएस के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने विभिन्न सर्टिफिकेशन कोर्सेज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ने निजी सुरक्षा एजेंसियां (विनियमन) अधिनियम, 2005 (पसारा) के बारे में बताया। सेमिनार के मुख्य वक्ता के रूप में डिजिटल फोरेंसिक एक्सपर्ट ए.के. सिंह ने डिजिटल फोरेंसिक और उसके प्रकार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल फोरेंसिक दुनियां की सबसे चुनौतीपूर्ण फोरेंसिक हैं।

उन्होंने डिजिटल फोरेंसिक से जुड़े महत्वपूर्ण उदाहरणों के साथ उनसे जुड़ी चुनौतियों को साझा किया। उन्होने प्रमुख टूल के रूप में ऑक्सीजन फोरेंसिक टूल स्मार्टफोन फोरेंसिक टूल वोलाटेलिटी, एवीटी, यूएसबी ब्लॉकर आदि के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों से डिजिटल फोरेंसिक में कैरियर बनाने को प्रेरित किया। मंच का संचालन डॉ.अल्का ने किया। डॉ.पवन कुमार चौरसिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विवि प्राध्यापक, नॉन टीचिंग स्टॉफ समेत सैकड़ो छात्र मौजूद रहे।

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